बुख़ारी, सहीह मुहम्मद-अल-बुखारी (पुत्र) इस्माईल (जन्म, जुलाई ८१० ई.) ने बाल्यवस्था में हज़रत मुहम्मद की हदीसों (कथन एवं जीवनकाल की घटनाओं का संग्रह) का ज्ञान प्राप्त कर, हिजाज़, खुरासान एवं मिस्त्र में घूम घूमकर हदीसें एकत्र कीं। उनमें से चुनकर ७३९७ हदीसें इसनाद (सूत्रों) सहित संकलित कीं। यह ग्रंथ सहीह के नाम से विख्यात है। समस्त हदीसें ९७ भागों में तथा ३४५० अध्यायों में विभाजित हैं। कुरान के उपरांत सहीह बुखारी ही सुन्नी मुसलमानों का सबसे अधिक प्रामाणिक धर्मग्रंथ है। इस ग्रंथ पर अनेक टीकाएँ भी लिखी गईं।

सं.ग्रं. - ब्रोकमान : गेश्चिश्ते देर अरविशेन लितरेत्यूर फान सी.बी. (बर्लिन, १८९८-१९०२), खंड एक। (सैयद अतहर अब्बास रिज़वी)