बीम्स, जॉन (१८३७-१९०२ ई.) - का जन्म २१ जून, १८३७ का हुआ। वे रेवरेंड टॉमस बीम्स के पुत्र थे। उन्होंने मर्चेंट टेलर्स स्कूल और हेलीबरी (१८५६-५७) में शिक्षा प्राप्त की। १८५८ में वे भारत आए और १८५९-६१ में आई.सी.एस. अफसर के रूप में पंजाब में कार्य किया।

तत्पश्चात् उनकी नियुक्ति लोअर बंगाल में हुई। वे कमिश्नर और बोर्ड ऑव रेवेन्यू के सदस्य रहे।

बीम्स अपने समय के एक प्रसिद्ध प्राच्यविद्याविशारद थे। उनके ग्रंथ अब भी उपयोगी सिद्ध होते हैं। उनकी सबसे अधिक प्रसिद्ध और प्रमुख रचना 'ए कंपेरेटिव ग्रामर ऑव दि आर्यन लैग्वेजेज़' (१८७२-९०) है। इसके अतिरिक्त 'आउटलाइंस ऑव इंडियन फ़ाइलालॉजी' (१८६७) और 'बंगाली व्याकरण' (१८९१) उनकी दो अन्य रचनाएँ हैं। १८६९ में बीम्स ने सर एच. इलियट कृत 'सप्लीमेंटल ग्लौसरी ऑव इंडियन टर्म्स' का संपादन किया। उनके भाषा सबंधी तथा अन्य खोजपूर्ण लेख 'जर्नल ऑव दि एशियाटिक सोसाइटी ऑव बेंगाल', 'इंपीरियल' और एशियाटिक क्वार्टर्ली रिव्यूज़ में प्रकाशित हुए हैं। मई, १९०२ में उनकी मृत्यु हो गई। (लक्ष्मीसागर वाष्णेंय)