बीकानेर १. जिला, स्थिति : २७° ७¢ से २९° ३¢ उ. अ. तथा ७१° ५३¢ से ७४° १५¢ पू. दे.। यह भारत के राजस्थान राज्य का एक जिला है। इसके उत्तर में गंगानगर, पूर्व में चूरू, दक्षिण में जोधपुर, दक्षिण-पूर्व में नागौर, दक्षिण-पश्चिम में जैसलमेर तथा पश्चिम में पश्चिमी पाकिस्तान स्थित है। इसका क्षेत्रफल १०,५६१ वर्ग मील है। पहले यह एक रियासत था। जिले का संपूर्ण भाग मरुस्थली है एवं बालुकास्तूपों से परिपूर्ण है। यहाँ लूनकरनसर में प्राकृतिक तथा सुजानगढ़ के पास एक कृत्रिम झील है। जलवायु शुष्क किंतु स्वास्थ्यप्रद है। मई, जून माह में गरम हवाएँ तेजी के साथ चलती हैं। धूलभरे बवंडर भी अधिक चला करते हैं। बीकानेर नगर का औसत ताप लगभग २७° सें. तथा संपूर्ण जिले की औसत वर्षा केवल १२ इंच है। यहाँ वनस्पति का अभाव है। कृषि में ज्वार, बाजरा, गेहूँ, जौ एवं चना की फसलें प्रमुख हैं। यहाँ के उद्योगों में ऊनी गलीचे, हाथीदाँत की चूड़ियाँ, चीनी मिट्टी के बरतन एवं मशकें आदि बनाना प्रमुख हैं। खनिजों में कोयला, ताँबा, चूना तथा नमक आदि मिलते हैं।
२. नगर, स्थित : २८° उ. अ. तथा ७३° १८¢ पू. दे.। बीकानेर जिले की राजधानी एवं प्रमुख नगर है। यह मरुस्थल के बीचोंबीच एक झील के पास, दिल्ली से ४६३ कि मी. पश्चिम में स्थित है। इस नगर की स्थापना १४८८ ई. में एक राठौर राजपूत बीका (राव जोधा के छठे पुत्र) ने की थी। इन्हीं के नाम पर इसका नाम भी पड़ा। नगर में कई ऊँचे मकान, मंदिर एवं एक विशाल किला है। राजा रायसिंह का बनवाया बड़ा एवं आधुनिक किला, नगर के कोटद्वार से ३०० गज की दूरी पर है। इसके अतिरिक्त लालगढ़, विक्टोरिया मेमोरियल क्लब, गंगा कचहरी, लक्ष्मीनाथ मंदिर एवं अजायबघर दर्शनीय हैं। नगर में श्वेत मिश्री, ऊनी शाल, लोइयाँ, चटाइयाँ एवं कंबल बनाने का कार्य होता है। (सुरेशचंद्र शर्मा)