बाल्फर, सर जेम्स सेशन्स कोर्ट (स्कॉटलैंड) के लार्ड प्रेसीडेंट थे। इनके पिता का नाम सर माईकेल बाल्फर था। १५४७ ई. में सेंट एंड्रज के किले पर फ्रांस का कब्जा हो जाने पर नॉक्स के साथ बाल्फर भी बंदी बनाकर फ्रांस भेज दिए गए। दो वर्ष बाद अपने सिद्धांतों का गला घोंटने पर उनको मुक्ति प्राप्त हुई। स्कॉटलैंड पुन: वापस आने पर उन्होंने प्रत्येक दल से संबंध स्थापित किया, प्रत्येक से संबंध विच्छेद किया, फिर भी प्रत्येक दल से लाभान्वित हुए। मॉरटन के रीजेंट बनने पर, किसी भाँति बाल्फर उसके कृपाभाजन बन गए। मॉरटन के आदेशानुसार उन्होंने कानून का एक साधारणीकरण ''प्रैक्टिक्स ऑव स्काट ला'' नाम से तैयार किया; किंतु इसके एकमेव प्रणेता होने से बाल्फर के संबंध में संदेह किया जाता है। स्कॉटलैंड में अपना जीवन असुरक्षित पाकर, सन् १५७३ में बाल्फर फ्रांस चले गए। १५८३ ई. में उनकी मृत्यु हो गई। (लालजी सिंह)