बॉल्टिक सागर स्थिति ५६°¢ उ. अ. तथा २०°¢ पू. दे.। यह उत्तरी यूरोप के डेनमार्क, जर्मनी, पोलैंड, रूस, फिनलैंड और स्वीडन देशों से घिरा सागर है। इसका क्षेत्रफल १,६६,००० वर्ग मील है। यह ९३० मील लंबा तथा ५० से ४२५ मील तक चौड़ा है। गोटलैंड तथा स्वीडन के बीच इसकी अधिकतम गहराई १,३८० फुट है किंतु औसत गहराई २१६ फुट है। ज्वार भी इसमें अधिक ऊँचा नहीं आता। ओडर, विश्चुला, नीमेन, मोटाला आदि छोटी बड़ी लगभग, २५० नदियाँ इसमें गिरती हैं। खारेपन की मात्रा कम रहती है क्योंकि नदियों के पानी में क्षारों की कमीं है। उच्च अक्षांश, उथला जल, कम खारापन तथा लघु ज्वार होने के कारण यह लगभग पाँच माह बर्फ से ढका रहता है। इसके मध्य जीलैंड, फ्यूनन, बॉर्नहॉल्म, समसो एवं ला लैंड के अतिरिक्त कई अन्य छोटे बड़े द्वीप हैं जिनका क्षेत्रफल १२,००० वर्ग मील है। इनमें से कुछ द्वीप डेनमार्क के अधिकार में हैं। इसमें बॉथनियाँ, फिनलैंड, राइगा तथा डैंजिग नामक चार बड़ी खाड़ियाँ हैं। बॉल्टिक सागर को गोटा नहर द्वारा उत्तरी सागर से मिला दिया गया है। लेनिनग्रैड, रीगा, टैलिन, हेलसिंकी, स्टॉकहोम, डैंजिग एवं कोपेनहेगेन आदि बॉल्टिक सागर के प्रमुख बंदरगाह हैं। (शिवमंगल सिंह)