बालाघाट १. जिला, स्थिति : २१° १९¢ से २२° २४¢ उ. अ. तथा ७९° ३९¢ से ८१° ३¢ पू. दे.। यह भारत के मध्य प्रदेश राज्य में एक जिला है। इसका क्षेत्रफल ३,५७३ वर्ग मील है। इसके उत्तर में मंडाला, पूर्व में दुर्ग, दक्षिण में भंडारा, तथा पश्चिम में सिवनी जिले स्थित हैं। सतपुड़ा पठार का पूर्वी भाग इस जिले में पड़ता है। इसे छत्तीसगढ़ के मैदान से मैकाल पर्वतश्रेणी अलग करती है। लगभग २/३ भाग पहाड़ियों से भरा है। रायगढ़ का पठार लगभग २,००० फुट ऊँचा है।
मानसून के समय वातावरण में नमी आ जाती है। बैहर प्रदेश में वर्षा घनघोर होती है। वैसे, जिले की औसत वर्षा ६२ इंच रहती है। यहाँ की प्रमुख उपज धान है। इसके अलावा कोदो, कुटकी, गेहूँ, उड़द, चना, आदि भी उगाए जाते हैं। यहाँ सूती कपड़े, चूड़ियाँ, पीतल के बरतन तथा मिट्टी के तेल के कनस्तरों से चलनी आदि वस्तुओं को बनाने का काम होता है। यातायात तथा शिक्षा में भी बालघाट का नाम प्रमुख है।
२. नगर, स्थिति : २१° ४९¢ उ. अ. तथा ८०° १२¢ पू. दे.। बालाघाट जिले में स्थित एक नगर है, जो रेलवे मार्ग के किनारे बसा हुआ है। यह बंबई से ६२६ मील तथा गोंदिया रेलवे जंकशन से २५ मील की दूरी पर स्थित है। यहाँ से वेनगंगा नदी की दूरी दो मील है। नगर के पास ही एक मैंगनीज की खान है। वस्तु उत्पादन में इसका विशेष महत्व नहीं है, किंतु कुछ व्यापार होता है। जनसंख्या १८,९९० (१९६१) है।
३. पर्वत, यह आंध्रप्रदेश में हैदराबाद के पश्चिम में स्थित एक पर्वतश्रेणी है जिसकी लंबाई २०० मील तथा चौड़ाई तीन से छह मील तक है। बाहुकूटों द्वारा यह टुकड़ों में बँट गया है। (रमेश्चंद्र दुबे)