बार्लो, सर जार्ज आपकी नियुक्ति सन् १७७८ ई. में हुई तथा सन् १७७९ में आप कलकत्ते आए। आते ही आपको गया के कलेक्टर श्री ला का सहायक होकर कार्य करना पड़ा आपकी सहायता से गया शीघ्र ही बंगाल का समृद्ध भाग बन गया। सन् १७८७ में लार्ड कार्नवालिस ने आपको बनारस की व्यापारिक स्थिति की जाँच करने के लिए भेजा था। अगले साल आप राजस्व विभाग में उपसचिव बनाए गए जहाँ से आपने बंगाल के स्थायी प्रबंध को पूरा कराया। इससे आप सर जान शोर तथा लार्ड कार्नवालिस के अत्यंत निकट हो गए। गवर्नरजनरल बनने पर सर जान शोर ने आपको प्रधान सचिव बना दिया। लार्ड बेलेजली के समय में भी आप सन् १८०१ ईसवी तक इसी पद पर रहे। सन् १८०१ में आप सुप्रीम कौंसिल के सदस्य बने। इस पद पर रहकर आपने लार्ड वेलेजली की विदेशी नीति का जोरदार समर्थन किया। अक्टूबर, १८०५ में लार्ड कार्नवालिस की मृत्यु पर आप गवर्नरजनरल बने परंतु आपने लार्ड वेलेजली की विस्तारवादी नीति का अनुसरण नहीं किया। लार्ड मेंटकाफ के शब्दों में आप बड़े संकीर्ण और संकुचित विचारों के व्यक्ति थे। सन् १८०७ में आपको मद्रास का गवर्नर बनाया गया। आपने यहाँ की प्रसिद्ध रैयतवारी प्रथा को हटाकर एक प्रकार की जमींदारी प्रथा चलाई। परंतु आपने अपने दुर्व्यवहार के कारण सेना तथा अन्य अफसरों को कुपित कर दिया जिसके फलस्वरूप सेना में बहुत बड़ा विद्रोह हो गया जो बड़ी कठिनाई से शांत किया जा सका। सन् १८१२ ईस्वी में आपको वापस बुला लिया गया और सन् १८४७ में आपकी मृत्यु हुई। आप बड़े योग्य आफिसर थे पर संकट की घड़ियों पर काबू पाना आपके सामर्थ्य के बाहर था। (जितेंद्रनाथ वाजपेयी)