बार्बिट्यूरिक अम्ल और बार्बिट्यूरेट बार्बिट्यूरिक अम्ल वस्तुत: मैलोनिक अम्ल का यूरीड है। साधारणतया यह मैलोनिक क्लोराइड या मैलोनिक एस्टर, के यूरिया के साथ संघनन से प्राप्त होता है :

नाहा काऔऔकाहा नाहा - काऔ

½ ½ ½

काऔ + काहा - काहाऔहा® काऔ - काहा

½ ½ ½ ½

नाहा काऔऔकाहा नाहा - काऔ

यूरिया मैलोनिक एस्टर बार्बिट्यूरिक अम्ल

NH2     COOC2H5                             NH - CO

½ ½ ½ ½

CO  +   CH2                - C2H5OH® CO      CH2

½ ½ ½ ½

NH2     COOC2H5                             NH  - CO

बार्बिट्यूरिक अम्ल के सुंदर क्रिस्टल बनते हैं तथा यह जल में विलेय होता है। इसका जलीय विलयन प्रबल अम्लीय होता है। इस यौगिक में मैलोनिक अम्ल के मेथिलीन समूह का हाइड्रोजन बड़ी सरलता से विस्थापित होकर अनेक यौगिक बनाता है, जो सैद्धांतिक और व्यावहारिक, दोनों दृष्टियों से महत्व के हैं। नाइट्रिक अम्ल की क्रिया से यह नाइट्रोबार्बिट््यूरिक अम्ल (Uramil) हो जाता है। इससे स्यूडोयूरिक अम्ल प्राप्त होता है, जिसका उपयोग यूरिया के संश्लेषण में हुआ है। इसके ऐल्किल संजात बड़े प्रभावशाली शामक (sedative) या निद्रापक (hypnotic) हैं, जिनका व्यवहार आज व्यापक रूप से ओषधियों में होता है। ऐसी ओषधियाँ विरोनल, प्रोपोनल, डायल, लूमिनल इत्यादि क्रमश: डाइएथिल बार्बिट्यूरिक अम्ल, डाइप्रोपिल बार्बिट्यूरिक अम्ल, डाइएलिल बार्बिट्यूरिक अम्ल, फेनिल-एथिल बार्बिट्यूरिक अम्ल इत्यादि हैं :

नाहाश् -श् काऔ नाहा - काऔ

½ ½ ½ ½

काऔ श्श् का(काहा) काऔ - का(काहा)

½ ½ ½ ½

नाहाश् -श् काऔ नाहा - काऔ

श्श् विरोनल श्श् प्रोपोनल

NH       CO                                        NH - CO

½ ½ ½ ½

CO       C(C2H5)2                               CO      C(C3H7)2

½ ½ ½ श्श्½

NH       C O                                       NH  - C O

ना हा -श् का औ श् ना हा - का औ

½ ½ श् ½ ½

काऔ श्श् का(काहा= काहा. काहा) काऔ - का: काहा

½ ½ श् ½ ½ काहा

नाहाश् -श् काऔ नाहा -श्श् काऔ

श्श् डायल श्श्लुमिनल

NH  -  CO                                        NH - CO

½ ½ ½ ½

CO       C(CH = CH. CH)2              CO      C. C6 H5

½                                                                  ½C2 H5

NH  -  काऔ NH - CO.

(सत्येंद्र वर्मा)