बादाम का पेड़ होता है और इसके बीच या नट (nut) को भी बादाम कहते हैं। बादाम पश्चिम एशिया, बारवरी और मोरक्को का देशज हैं। पर अब यह अनेक देशों, जैसे फ्रांस, इटली, स्पेन, पोर्चुगाल, उत्तरी अफ्रीका, अमरीका के कैलिफॉर्निया, तुर्किस्तान और भूमध्यसागरीय देशों में उपजाया जाता है। कश्मीर, पंजाब के पहाड़ी भागों और अफगानिस्तान में भी बादाम पैदा होता है। भारत का बादाम अच्छे किस्म का नहीं होता।

बादाम दो प्रकार का होता है। एक मीठा और दूसरा कड़वा। मीठे बादाम का लैटिन नाम प्रूनस ऐमिग्डैलस (Prunusamygdalus) एल्सिस और कडुवे बादाम का लैटिन नाम प्रूनस ऐमिग्डैलस ऐमारा है। यह रोजेसीई (Rosaceae) या ऐमिगडैली (Amygdalse) कुल का पौधा है। कडुवा बादाम मोरक्को, ऐल्जीरिया और कैलिफॉर्निया में अधिकता से होता है। मीठे बादाम के फूल का रंग सुंदर, लाल गुलाबी होता है और कडुबे बादाम का

चित्र. बादाम के पत्ते, फूल, फल तथा बीज

फूल सफेद होता है। इन दोनों के वृक्ष मध्यम कद के होते हैं। कोई कोई २५ से ३० फुट तक ऊँचा होता है। रूस में एक बौने किस्म का बादाम उपजता है, जिसका पौधा केवल ४ फुट के लगभग होता है। पत्ते भूरे रंग के होते हैं। फागुन तथा चैत्र मासों में पेड़ फूल देते हैं। फूलों की सुंदरता के कारण वृक्ष बहुधा बगीचों में लगाए जाते हैं। इसका फल लंबा, चिपटा दो दालोंवाला होता है, जो पतले भूरे रंग के आवरण से ढँका रहता है। फल के पक जाने पर दो ऊपरी सतह, जिन्हें बाह्यफलभित्ति (epicarp) और मध्यफलभित्ति (mesocarp) कहते हैं, फटकर अलग हो जाते हैं, किंतु अंत: फलभित्ति (endocarp) तिकोना भूरे रंग का कड़ा छिलका बन जाता है, जिसके अंदर बीज ढँका रहता है। मीठे बादाम में यह छिलका कड़ा और मोटा होता है, पर कडुवे बादाम में यह पतला या शीघ्र टूटनेवाला होता है।

मीठे बादाम की गिरी भोज्य पदार्थ है। कच्ची या नमक के साथ यह भूनकर खाई जाती है और मिठाई, पेस्ट्री इत्यादि बनाने के काम में आती है। इसमें तेल होता है। तेल दो प्रकार का होता है। एक स्थिर तेल, जो दोनों प्रकार के बादामों में होता है और दूसरा वाष्पशील तेल, जो केवल कडुवे बादाम से प्राप्त होता है। तेल के अतिरिक्त बादाम में प्रोटीन और खनिज लवण होते हैं, जो पोषण की दृष्टि से बड़े महत्व के हैं।

बादाम का औसत संघटन इस प्रकार है :

घटक प्रतिशत मात्रा

तेल ४१.०१

पानी २७.७२

प्रोटीन १६.५०

नाइट्रोजन रहित १०.२०

कार्बनिक पदार्थ २.८०

तंतु १.७७

राख १००.००

राख में कैल्सियम, पोटैशियम, लोहा, फॉस्फेट आदि रहते हैं। विटामिन ए और बी भी फल में पाए गए हैं। भोज्य पदार्थों में बादाम का महत्व प्रोटीन के कारण होता है। मांस और मछलियों से भी अधिक प्रोटीन इसमें रहता है। वानस्पतिक ओर अन्न प्रोटीनों से इसका प्रोटीन अधिक सुपाच्य होता है। (सावित्री जायसवाल (कुमारी))