बहाउद्दीन जुहैर, अबुलफज़ल
प्रख्यात अरबी कवि। १७ फरवरी, १८८६ को मक्का में उत्पन्न हुआ। युवावस्था
में क्रूस (उत्तरी मिस्त्र) जाकर कुरान का अध्ययन किया। १२२७ के आसपास
वह काहिरा में सुलतान-अल-कामिल के पुत्र अल-सालीह अय्यूब की
सेवा में नियुक्त हुआ, और सीरिया तथा उत्तरी मेसोपोटामिया
पर आक्रमण के समय (१२३२) उसके साथ रहा। अल-कामिल की मृत्यु के
पश्चात् अल-नासिर दाउद नाम के एक संबंधी ने षड्यंत्र करके अल-सालीह
को कारागार में डाल दिया (१२३९)। जुहैर ने स्वामी की संकटापन्न
स्थिति में उसका साथ दिया। अल-सालीह ने मिस्त्र का शासन सँभालते
ही जुहैर को अपना मंत्री नियुक्त किया। काहिरा में ही १२५८ में इसकी
मृत्यु हो गई। इसका "दीवाना' उपलब्ध है। पामर ने परिष्कृत
संस्करण में "दीवान' का अंग्रेजी अनुवाद प्रस्तुत किया है। संगीतपूर्ण
कोमलकांत पदावली उसकी कविता की प्रमुख विशेषता है। संपूर्ण
काव्य में उत्कृष्ट भावभूमि, शब्दविन्यास, शैली और अलंकार एक प्रतिभा
संपन्न कलाकार का परिचय देते हैं।