बहराइच १. जिला, स्थिति : २७° ३८¢ उ.अ. तथा ८१° ५०¢ पू.दे.। यह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में उत्तर-पूर्व की ओर स्थित जिला है। इसके उत्तर में नेपाल देश, पूर्व में गोंडा, दक्षिण में सीतापुर एवं बाराबंकी, पश्चिमी में लखीमपुर खीरी जिले स्थित हैं। इसकी पश्चिमी सीमा घाघरा नदी द्वारा निर्धारित होती है। इसका क्षेत्रफल २,६२० वर्ग मील है। इसको तीन भागों में बाँटा जा सकता है १. मध्य का उच्च पठार २. पश्चिम का बड़ा घाघरा का मैदान जो कि पठार से लगभग ४०० फुट नीचा है। ३. पूर्व की ओर राप्ती का छोटा मैदान। उत्तर की ओर हिमालय की ढालें वनों से ढँकी हैं। दक्षिण की ओर शुष्कता बढ़ जाती है व जलधाराएँ भी समाप्त हो जाती हैं और अंत में यह भाग गंगा के मैदान के रूप में बदल जाता है। राप्ती, घाघरा आदि नदियाँ बहती हैं। यह कृषिप्रधान जिला है तथा लकड़ी (टिंवर) में धनी है। इसकी जनसंख्या १४,९९,९२९ (१९६१) है।
२. नगर, स्थिति : २७° ३४¢ उ.अ. तथा ८१° ३६¢ पू.दे.। यह बहराइच जिले के मध्य भाग में स्थित है। इसके किनारे सरयू नदी बहती है। यह मुसलमानों का तीर्थस्थान है। सईद सालार मत ऊद का मकबरा भी यहीं है जो मस ऊद की मृत्यु के दो शताब्दी बाद, सूर्यमंदिर की जगह पर ही बनाया गया था। इसकी जनसंख्या ५६,०३३ (१९६१) है। यहाँ से नेपाल को जाने का मार्ग होने के कारण व्यपार में काफी उन्नति हो गई है। अनाज, चीनी, लकड़ी, तंबाकू आदि का व्यापार होता है। यहाँ एक छोटी सी औद्योगिक पट्टी भी है, जहाँ पर अधिकांश उद्योग स्थापित हैं।