बगदाद (Baghdad) स्थिति : ३३� २०� उ. अ. तथा ४४� २५� पू. दे.। इराक में फारस की खाड़ी से २५० मील दूर, दज़ला नदी के किनारे, सागरतल से १२० फुट की ऊँचाई पर स्थित, इराक की राजधानी एवं सबसे बड़ा नगर है। यह नगर ४,००० वर्ष पहले पश्चिमी यूरोप और सुदूर पूर्व के देशों के बीच, समुद्री मार्ग के आविष्कार के पहले कारवाँ मार्ग का प्रसिद्ध केंद्र था तथा नदी के किनारे इसकी स्थिति व्यापारिक महत्व रखती थी। मेसोपोटेमिया के उपजाऊ भाग में स्थित बगदाद वास्तव में शांति और समृद्धि का केंद्र था। ९वीं शताब्दी के प्रारंभिक वर्षों में यह अपने चरमोत्कर्ष पर था। उस समय यहाँ प्रबुद्ध खलीफा की छत्रछाया में धनी व्यापारी एवं विद्वान लोग फले फूले। रेशमी वस्त्र एवं विशाल खपरैल के भवनों के लिए प्रसिद्ध बगदाद इस्लाम धर्म का केंद्र रहा है। यहाँ का औसत ताप लगभग २३� सें. तथा वार्षिक वर्षा सात इंच हैं, अत: यहाँ खजूर तथा झाड़ियों के कुंज अधिक मिलते हैं।
बगदाद का वास्तविक पतन १२५८ ई. में शुरु होता है, जब हलाकू नामक मंगोल ने मेसोपोटेमिया पर अधिकार कर इस्लामी सभ्यता को नष्ट कर दिया। इसने धीरे धीरे सिंचाई प्रणाली को भी छिन्न भिन्न करके उपजाऊ कृषिक्षेत्र को स्टेप्स या घास के मैदान में परिवर्तित कर दिया। इस काल से लेकर प्रारंभिक २०वीं शताब्दी तक के कुछ समय को छोड़कर बगदाद कभी भी स्वतंत्र राजधानी नहीं रहा है।
यहाँ हिनैदी में एक बहुत बड़ा हवाई अड्डा बनाया गया जिससे काहिरा एवं बसरा संबद्ध थे। बाद में इसका इंग्लैंड, भारत और सुदूर पूर्व से भी वायुसंबंध हो गया। वर्तमान समय में संसार की सभी प्रमुख वायुसेवाएँ यहाँ से होकर जाती हैं। तुर्कीं तक रेलमार्ग बन जाने से इसका संपर्क सीधे भूमध्यसागर से हो गया। इस प्रकार आवागमन के साधनों के विकास के कारण २०वीं शताब्दी में बगदाद पुन: अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा प्राप्त कर मध्य पूर्व का प्रसिद्ध नगर हो गया। यहाँ से दरियों, ऊन, गोंद, खजूर और पशुचर्म का निर्यात तथा कपास और चाय का आयात करके पुनर्निर्यात करते हैं।
यहाँ चिकित्सा, कला, कानून, इंजीनियरिंग, सैन्यशास्त्र आदि की शिक्षा का उचित प्रबंध है। यहाँ प्रसिद्ध पुरातत्व संग्रहालय है। नगर की जनसंख्या १०,८६,००० (१९५७) है। नगर के पुराने भाग में मिट्टी के मकान, पतली तथा धूल भरी सड़कें देखने को मिलती हैं। आधुनिक भाग दर्शनीय है। यहाँ सुंदर सुंदर मसजिदें एवं बाजार हैं। (राजेंद्र प्रसाद सिंह)