फ्रैंकलिन, सर जॉन (सन् १७८६-१८४७), उत्तर ध्रुवीय प्रदेश के ब्रिटिश, अन्वेषक, का जन्म इंग्लैंड के लिंकनशिर काउंटी के स्पिल्स्बी नामक ग्राम में हुआ था। इनकी शिक्षा सेंट आइव्ज़ तथा लाउथ के ग्रामर स्कूलों में हुई थी।
इन्होंने मिडशिपमैन के पद से नौसैनिक जीवन आरंभ किया। सन् १८०१ में हुए कोपेनहैगेन के युद्ध में ये उपस्थित थे। इसके पश्चात् ऑस्ट्रेलिया के सागरतट के सर्वेक्षण में इन्होंने सहायता दी। सन् १८१८ में एच. एम. एस. ट्रेंट नामक पोत के कमांडर के पद पर नियुक्त होकर, इन्होंने उत्तरी अमरीका के उत्तर में कॉपरमाइन नदी से लेकर तर्नागेन अंतरीप तक, तथा सन् १८२५ में इसी नदी से मैकैंज़ी नदी तक के सागरतट का अन्वेषण किया। सन् १८४५ में ये रियर ऐडमिरल के पद पर नियुक्त हुए तथा एरेबस और टेरर नामक पोतों को लेकर बेरिंग जलसंयोजी की दिशा में अन्वेषण के लिए गए, जहाँ इनके दल का विनाश हो गया। सन् १८५९ में खोज के लिए भेजे हुए एक दल ने पाया कि उत्तर पश्चिमी मार्ग का पता लगाने में तो यह अभियान सफल हुआ था, किंतु सर फ्रैंकलिन कीसन् १८४७ में वहीं मृत्यु हो गई।
इन्होंने अन्वेषण से संबंधित अपनी यात्राओं के वर्णन की दो पुस्तकें भी लिखी थीं। (भगवान दास वर्मा)