फ्राबिशर, सर मार्टिन अंग्रेज नौसेनिक। १५३५ के आस पास यार्कशायर में उत्पन्न हुआ। भारत के लिए उत्तरी पश्चिमी मार्ग खोजने के उद्देश्य से ७ जून, १५७६ को उसने शेटलैंड द्वीपों के मार्ग से यात्रा प्रारंभ की। समुद्री कठिनाइयों में उसका एक पोत नष्ट हो गया किंतु उसने साहस के साथ यात्रा जारी रखी, और २८ जुलाई को लैब्राडोर के तट पर पहुँच गया। बूचर द्वीप पर पहुँचने के पश्चात् उसे घर लौटना पड़ा। मई १५७७ में उसने सोने की खोज में फ्राबिशर द्वीप की यात्रा की। इस द्वीप का नाम अपनी पहली यात्रा में फ्राबिशर ने अपने नाम पर रखा था। १५७८ में उसने तीसरी यात्रा की। १५८० में वह एक शाही पोत का कप्तान तथा १५८५ में वेस्टइंडीज अभियान के समय ड्रेक के मातहत वाइस एडमिरल नियुक्त हुआ। इसके पश्चात् वह स्पेन के विरुद्ध नौसेना के मोर्चों पर रहा। १५८८ में उसे नाइट घोषित किया गया था। २२ नवंबर, १५९४ को उसका देहांत हुआ।