फ्रांसिस यंगहस्वैंड एक प्रसिद्ध प्रशासक, पर्यटक तथा लेखक। उनका जन्म ३१ मई, १८६३ में अविभक्त भारत के मरी नामक स्थान में हुआ। उन्हें क्लिफ्टन ओर सैंडहर्स्ट में शिक्षा प्राप्त हुई और वे १८८२ में सेना में भरती हुए। १८८६ में वे मुज़टग पहाड़ी पार करके एशिया के उस पार पहुँचे। वे १८९० में भारतीय राजनीतिक विभाग में भेजे गए, जहाँ से वे १९०२ में ब्रिटिश मिशन में भेजे गए, जिसका उद्देश्य दलाई लामा पर रूसी प्रभाव समाप्त करना था। उस मिशन के फलस्वरूप ७ सितंबर, १९०४ को एक संधिपत्र प्रस्तुत हुआ। उन्होंने ल्हासा की भौगोलिक स्थिति के संबंध में सही जानकारी दी और यह प्रमाणित किया कि तिब्बती पठार के पश्चिम में मुज़टग ही सही जलविभाजन क्षेत्र है। वे मंचूरिया, चीन, तुर्किस्तान आदि स्थानों में खूब पर्यटन करते रहे। भ्रमण पर उन्होंने बहुत सी पुस्तकें लिखीं हैं। (मन्मनाथ गुप्त)