फेर्मा, पियरे द (Fermat, Pierre De) फ्रांसीसी गणितज्ञ थे। इनका जन्म १७ अगस्त, १६०१ई. को बोमॉन्ट द लोमाग्ने में हुआ था। फेर्मा अपने अंतिम प्रमेय के कारण अधिक प्रसिद्ध हो गए। इन्होंने अंतिम प्रमेय में बताया कि य (xn+yn=zn) किसी भी घनात्मक पूर्णांक से संतुष्ट नहीं होता, यदि n >2 हो। यद्यपि फेर्मा ने लिखा है कि उन्होंने उपर्युक्त समीकरण सिद्ध कर दिया था किंतु साधारणतया यह विश्वास किया जाता है कि उनकी उपपत्ति में अशुद्धि है। अभी तक इस समीकरण की शुद्ध उपपत्ति प्राप्त नहीं हुई है, यद्यपि बहुत से गणितज्ञों ने इसे सिद्ध करने का प्रयास किया है। विश्लेषात्मक ज्यामिति (analytical geometry) एवं प्रायिकता (probability) पर किए गए कार्य के कारण फेर्मा बहुत प्रसिद्ध हैं। १२ जनवरी, १६६५ ई. को इनका देहांत हो गया। (अजित नारायण मेहरोत्रा)