फेरियर, सर डेविड (Ferrier, Sir David, सन् १८४३-१९२८) अंग्रेज तंत्रिकाविद् (Neurologist) थे। इनका जन्म १८४३ ई. में ऐबरडीन के समीप हुआ था। एडनबरो (Edinburg) विश्वविद्यालय से १८७०ई. में इन्होंने एम.डी. की उपाधि प्राप्त की। १८७३ ई. में मस्तिष्क पर विद्युत् प्रभाव संबंधी प्रयोग कर इन्होंने सिद्ध किया कि कॉरटेक्स के किसी विशिष्ट भाग को उत्तेजित करने से शरीर की कोई विशेष पेशी या पेशियों का समूह प्रभावित होता है और कॉरटेक्स के उस भाग को शल्यक्रिया द्वारा निकाल देने पर उस भाग से संबंधित शरीर के अंगों में पक्षाघात हो जाता है। 'मस्तिष्क के कार्य' और 'प्रमस्तिष्कीय रोगों का स्थानीकरण' नामक पुस्तक में फेरियर ने उपर्युक्त प्रयोग का वर्णन किया है। १८८१ ई. में इंटरनेशनल मेडिकल कांग्रेस ने उपर्युक्त अनुसंधान को मान्यता प्रदान की। बाद में इस अनुसंधान के आधार पर अर्बुद की शल्यक्रिया सफलतापूर्वक की गई। ये १८९० ई. में रॉयल सोसाइटी के रॉयल पदक तथा १९११ ई. में सर की पदवी से सम्मानित हुए। (श्रीनाथ दास)