फिलिप द्वितीय (१५२७-९८) स्पेन का राजा जो सम्राट् पंचम चार्ल्स तथा इज़ावेला का पुत्र था। चार्ल्स उसकी शिक्षा का बराबर ध्यान रखता था और इस बात पर बल देता था कि उसे अपने सलहाकारों पर अधिक विश्वास नहीं करना चाहिए और न आंतरिक शासन में सरदारों के हाथ अधिक शक्ति जाने देनां चाहिए। सन् १५५४ में चार्ल्स ने इंग्लैंड की रानी मेरी के साथ उसका विवाह करा दिया। उद्देश्य यह था कि स्पेन, इंग्लैंड तथा नेदरलैंड्स की सम्मिलित शक्ति से फ्रांस का मुकाबला किया जाए। जनवरी, १५५६ में चार्ल्स के राज्यत्याग के बाद फिलिप सिंहासन पर बैठा। स्पेन की जनता में तो वह यथेष्ट लोकप्रिय था किंतु अन्य जातियों को वह अपने व्यवहार से संतुष्ट न रख सका। फलत: नेदरलैंड में विद्रोह की आग भड़क उठी। बाद में रानी मेरी की मृत्यु हो जाने पर इंग्लैंड का शासन एलिजाबेथ के हाथ में आया। शीघ्र ही फ्रांस की तरह इंग्लैंड के साथ भी उसकी तनातनी चलने लगी। इंग्लैंड को हराने के लिए उसने एक शक्तिशाली जहाजी बेड़ा तैयार कराया किंतु कुछ मुठभेड़ों के बाद तूफान में पड़ जाने के कारण वह छिन्न भिन्न हो गया (१५८८)। बार बार विफल होने पर भी फिलिप ने अपनी नीति का परित्याग नहीं किया। परिणाम यह हुआ कि जब सितंबर, १६९८ में उसकी मृत्यु हुई तब स्पेन का राज्य काफी विखंडित हो चुका था।

फिलिप पंचम (१६८३-१७४६) स्पेन का राजा जिससे वहाँ के बूरवन राजवंश का आरंभ हुआ। वह फ्रांस के राजा १४वें लूई का पोता था। उसने फ्रांस का उत्तराधिकारी बनने का बहुत प्रयत्न किया किंतु इसमें सफल न हो सका। सन् १७०० ई. में वह स्पेन के राजसिंहासन पर बैठा।

फिलिप चतुर्थ (१२६८-१३१४) फ्रांस का राजा जो फिलिप तृतीय तथा उसकी पत्नी इज़ाबेला का पुत्र था। उसका शासनकाल मध्यकालीन यूरोप के इतिहास में यथेष्ट प्रसिद्ध है। फ्रांस में राजतंत्र की शक्ति को सुदृढ़ बनाना उसका मुख्य उद्देश्य था। अनेक विघ्न बाधाओं और खतरों का सामना करते हुए भी अपने लक्ष्य पर डटा रहा। राज्य के अधिकारों में हस्तक्षेप करते देखकर उसने पोप आठवें बोनिफेस का विरोध किया और अंत में १३०३ में उसे गिरफ्तार करा लिया। बोनिफेस किसी तरह उसकी कैद से भाग निकला किंतु, ११ अक्टूबर को उसकी मृत्यु हो गई। फिलिप के आदमियों की कूटनीतिक चालों तथा धन के प्रलोभनों से पाँचवाँ क्लेमेंट नया पोप चुना गया। वह स्वभावत: फ्रेंच नरेश के हाथ की कठपुतली बना रहा और टेंपलर नामक धार्मिक रक्षकों का दमन करने में उसने फिलिप की सहायता की। सन् १२९४ में फिलिप्स ने फ्लैडर्स पर अधिकार कर लेने की चेष्टा की। बाद में वहाँ के नगरों में फ्रेंच अधिकारियों के विरुद्ध बलवा हो गया और फिलिप की मृत्यु होने तक वहाँ फ्रांस के पाँव मजबूत नहीं हो सके।

फिलिप द्वितीय (३८२-३३६ ई.पू.) मकदूनिया (यूनानी राज्य) का राजा। अपने भतीजे की मृत्यु पर सन् ३५९ ई.पू. में स्वयं तख्तनशीन हो गया। उसने थेसली और फोसिस नामक नगरों को जीत लिया और ३३८ ई.पू. में एथिनियनों तथा थीबनों को पराजित किया। अगले वर्ष उसने यूनानी राज्यों का एक संघ बनाया और ईरान से युद्ध करने की तैयारी शुरू की, किंतु इसी समय उसकी हत्या कर दी गई। सिकंदर महान् इसी का पुत्र था जो फिलिप के बाद राज्याधिकारी हुआ।