फर्रुखाबाद १. जिला, स्थिति : २६°४६¢ से २७°४३¢ उ.अ. तथा ७९°८¢ से ८०°१¢ पू.दे.। यह उत्तर प्रदेश में मध्य तथा कुछ पश्चिम की ओर स्थित जिला है। इसके उत्तर में शाहजहाँपुर एवं हरदोई, दक्षिण में इटावा एवं मैनपुरी, पूर्व में कानपुर तथा पश्चिम में एटा और बदायूँ जिले स्थित हैं। इसका क्षेत्रफल १,१४५ वर्ग मील तथा जनसंख्या १२,९५,०७१ (१९६१) है। इस जिले में गंगा, काली ईसान तथा अरिंद आदि नदियाँ बहती हैं। दोआब के मध्य में स्थित होने के कारण जिले की मिट्टी जलोढ़ है। उत्तरी भाग बागर है। यहाँ छोटी छोटी कई झीलें हैं तथा यहाँ की मिट्टी कंकड़ एवं रेह मिश्रित है। जलवायु शुष्क तथा दोआब में सबसे अधिक स्वास्थ्यप्रद है। जिले का अैसत ताप जनवरी में १५° सें. तथा जून में ३५° सें. रहता है एवं वार्षिक वर्षा का औसत लगभग ३३ इंच है। कृषिगत उपजों में गेहूँ, जौ, ज्वार, चना, धान, मक्का, अरहर, बाजरा तथा कपास आदि हैं। खरबूजों की कृषि विशेष रूप से की जाती है। नहरों की अपेक्षा कूओं से सिंचाई अधिक होती है। यहाँ से शोरा बनाकर बाहर भेजा जाता है। फर्रुखाबाद तथा कन्नौज कपड़े की छर्पा का काम अधिक होता है। जरी का काम तथा धातु के बरतन बनाने का काम भी होता है। कन्नौज में इत्र बनाने का उद्योग विकसित है। छपे सूती कपड़े, सुगंधित द्रव्य, धातु के बरतन जिले के बाहर भेजे जाते हैं। कन्नौज यहाँ का प्रसिद्ध ऐतिहासिक नगर है।
२. नगर, स्थिति : २७°२४¢ उ.अ. तथा ७९°३४¢ पू.दे.। उपर्युक्त जिले में उत्तर की ओर, कानपुर से ८७ मील पश्चिम, गंगा के किनारे स्थित नगर है। फतेहगढ़ तथा फर्रुखाबाद की एक सम्मिलित नगरपालिका है। फतेहगढ़ में बंदूक का कारखाना है तथा कपड़े की छपाई, सुनहला गोटा, बरतन तथा तंबू बनाए जाते हैं। मुसलमानों की संख्या यहाँ अधिक है। इस नगर की स्थापना १७१४ ई. में नवाब मुहम्मद खाँ ने की थी, बाद में मुगल बादशाह फर्रुखसियर के नाम पर इसका नाम पड़ा। यहाँ नवाब के महल एवं मकबरे के खंडहर हैं। नगर की जनसंख्या ९४,५४१ (१९६१) है।