फ़रिश्ता का असली और पूरा नाम ''अबुल कासिम, हिंदु शाह'' था। उसका जन्म ९६० हिजरी अर्थात् १५५२-५३ ईसवी में हुआ। उसका पिता, जिसका नाम गुलाम अली था, ईरान से हिंदुस्तान आया और अहमदनगर में बस गया। अहमदनगर दरबार में उसको नौकरी भी मिल गई। वह शाही गारद का कप्तान नियुक्त हुआ। मुरतजा निजामशाह की हत्या के बाद वह अहमदनगर छोड़कर बीजापुर चला गया। यहाँ भी उसे एक महत्वपूर्ण पद प्राप्त हुआ। इब्राहीम आदिल शाह ने अपनी इच्छा प्रकट की कि वह इतिहास लिखे। इस प्रकार उसने इस हुक्म पर ''गुलजारे इब्राहीमी''- नामक इतिहास संबंधी पुसतक लिखी जो १०१५ हिजरी अर्थात् १६०६-१६०७ ई. में समाप्त हुई। इसमें दक्षिण के राज्यों का इतिहास है। इस पुस्तक में वह दूसरे स्थानों के बादशाहों का भी वर्णन करता हैं। व्रग्स (Briggs) ने इस पुस्तक का अनुवाद चार जिल्दों में अंग्रेजी भाषा में किया है। (मुहम्मद अजहर असगर अंसारी)