फतहउल्ला खाँ बहादुर आलमगीरशाही वास्तविक नाम मुहम्मद सादिक। मुगल सम्राट् औरंगजेब के राज्य का एक सरदार। वीरता के लिए इसे फतहउल्ला खाँ की उपाधि मिली। 'सतारा' और 'परली' दुर्गों की विजय में इसका बहुत बड़ा भाग था। इसके प्रसाद स्वरूप सम्राट् ने इसे उचित पुरस्कार और सम्मान दिया। परनाला दुर्ग की विजय में इसकी वीरता के लिए बहादुर की पदवी मिली। इसकी वीरता द्वारा जीते जाने के कारण दरदाँगढ़ का नाम सादिकगढ़ रखा गया। खेलना के युद्ध में इसके सिर और कमर में चोट लगी किंतु शाहजादा बेदारबख्त की सहायता से दुर्ग विजय हो गया और इसे आलमगीरशाही की उपाधि मिली।
कांलांतर में काबुल प्रांत के लोहगढ़ का थानेदार नियुक्त हुआ। बादशाह के राज्य में कुछ दिन जीवित रहने पर इसकी मृत्यु हो गई।