प्रिचर्ड, कैथेरीन सुसन्ना आस्ट्रेलिया की महिला उपन्यासलेखिका कैथेरीन सुसन्ना प्रिचर्ड का जन्म फ़िजी द्वीप में १८८४ में हुआ। प्रिचर्ड के उपन्यासों में श्रमिकों के प्रति सहानुभूति विशेष रूप से लक्षित होती है। जीवन के कठोर निर्मम यथार्थ का चित्रण भी वह विशेष मार्मिकता के साथ करती हैं। उनके कई उपन्यास और कथासंग्रह हैं। विशेष प्रसिद्ध रचनाओं में 'वर्किंग बुलक्स' (काम करते हुए बैल, १९२६) दक्षिण की ओर इमारती लकड़ी काटकर बेचने का व्यापार करनेवाले प्रदेश की परिस्थियों पर आधारित हैं। १९२९ में प्रकाशित 'कूनार्डू' नामक उपन्यास में उत्तर-पश्चिम के निर्जन चारागाहों की पार्श्वभूमि पर प्रकृति और मानव के संघर्ष का यथार्थवादी चित्र उभरकर सामने आता है। धीरे धीरे कैथेरीन प्रिचर्ड की समाजवाद के प्रति सहानुभूति उन्हें राजनैतिक प्रचार प्रधान उपन्यास लिखने की ओर प्रेरित करने लगी और निम्न तीन उपन्यासों में सोने की खदानों की खोज और धीरे-धीरे व्यापारिक विकास से बढ़नेवाली श्रमिकों की कठिनाइयों और तीव्र होते हुए वर्गविग्रह का चित्र व्यक्त किया गया है : दि रोअरिंग नाइंटीज़ (१९४६), 'गोल्डेन माइल्स' (सुनहरे कोस, १९४८) विंग्ड् सीड्स (पंखवाले बीज, १९५०)। आस्ट्रेलियाई साहित्य में आधुनिक सामाजिक उपन्यास की नींव डालनेवालों में कैथेरीन प्रिचर्ड का नाम वैन्स पामर और फ्रैंक डेविसन के साथ बहुत आदर से लिया जाता है। उस समय आस्ट्रेलिया के मूल निवासियों, लंबे चौड़े खेतों, मैदानों और प्राकृतिक शांत जीवन का उपयोग पार्श्ववर्ती परदे के रूप में लेखकों ने अधिक किया। धीरे-धीरे नागरिक सभ्यता के विकास और महानगरों के निर्माण से ग्रामीण अंचल की वह शांति बदलती गई; नए मानव और यंत्र संबंधों ने कई समस्याएँ उपस्थित कीं। (प्रभाकर माचवे)