प्रशा की ऐतिहासिक उन्नति एवं अवनति की कहानी होऍत्सालर्न (Hohenzollern) परिवार से संबंधित है। इसी परिवार का एक सदस्य फ्रेडरिक सन् १४१५ ई. में ब्रेंडनबर्ग का मार्ग्रेव (Margrave) बना और दो बरस बाद उसे एलैक्टर ऑव ब्रैंडनबर्ग (Elector of Brandenburg) की उपाधि से विभूषित किया गया। सन् १५२५ में ब्रैंडनवर्ग के ऐल्बर्ट ने अपने आपको प्रशा का आनुवांशिक ड्यूक घोषित किया। १६१८ में प्रशा पर ब्रैंडनबर्ग के एलेक्टर का अधिकार हो गया। सन् १७०१ ई. में फ्रेडरिक प्रथम (Frederick क्ष्) प्रशा राज्य का सर्वप्रथम राजा हुआ। सन् १८६१ ई. में विलियम प्रथम के राजगद्दी पर आते ही इस राज्य की उन्नति होने लगी और ८७१ में प्रशा का राजा जर्मन सम्राट बन गया। प्रशा का विस्तारवादी नीति के फलस्वरूप ही प्रथम विश्वमहायुद्ध का सूत्रपात हुआ। इस विश्वमहायुद्ध में जर्मनी की पराजय हुई तथा इसकी एक लंबा बहुत बड़ा भाग पौलैंड के हाथ लगा जिससे प्रशा पूर्वी और पश्चिमी दो भागों में विभक्त हो गया। इस भूभाग का नाम पोलिश कॉरीडोर (Polish Corridor) रखा गया। द्वितीय विश्वमहायुद्ध की महाग्नि ने प्रशा को तहस नहस कर दिया और अंतत: राज्य के लिये हानिकारक सिद्ध हुआ। इसमें रूस ने पूर्वी प्रशा तथा स्टेटिन (Stattin) नगर को अपने अधिकार में ले लिया। सन् १९४७ ई. में एलाइड कंट्रोल काउंसिल (Allied Control Council) ने प्रशा का अस्तित्व ही समाप्त कर दिया और अब इसका अधिकांश भाग कम्यूनिस्ट पूर्वी जर्मनी, पोलैंड तथा रूस ने ले लिया।(विजयराम सिंह)