प्रभुप्रकाश एपिफ़नी (Epiphany) अथवा प्रभुप्रकाश नामक ईसाई पर्व लगभग सन् २०० ई. में प्राच्य चर्च में प्रारंभ हुआ। बाद में वह पर्व पाश्चात्य चर्च में भी फैल गया। प्रारंभ में वह ईश्वरीय शक्ति के आविर्भाव तथा ईसा के जन्म के आदर में मनाया जाता था। बाद में क्रिस्मस (२५ दिसंबर) ही ईसा का एकमात्र जन्मपर्व रह गया (दे. क्रिस्मस) और एफ़िनी (६ जनवरी) का पर्व, बाइबिल में वर्णित ईसा की जीवनी की तीन घटनाओं का, संस्मरणोत्सव बन गया। अर्थात् ज्ञानी पुरुषों की आराधना, जार्डन नदी में ईसा का बपतिस्मा तथा काना नगर में ईसा का प्रथम चमत्कार तीन घटनाओं के संस्मरण में यह पर्व मनाया जाने लगा।(रेवरेंड कामिल बुल्के)