प्रद्योत सुनीक (भवि. पु., १.४ के अनुसार शुनक अथवा क्षेमक) के पुत्र (वायु.), प्रद्योतवंश के संस्थापक, जो म्लेच्छों हारहूण, बर्बर, यवन, खस, शक, कामस आदि से अपने पिता का प्रतिशोध लेने के लिये म्लेच्छयज्ञ करने के कारण 'म्लेच्छहंता' कहलाए।