प्रकाश फिल्टर (Light Filters) ऐसे पारदर्शक पदार्थ होते हें जिनके द्वारा प्रकाश की तीव्रता और रंग में परिवर्तन किया जा सकता है। प्रकाश की तरंगें होती हैं और विभिन्न रंगों के प्रकाश के तरंगदैर्ध्य (wave lengths) भिन्न भिन्न होते हैं। श्वेत प्रकाश में सभी रंगों का एक निश्चित अनुपात में मिश्रण रहता है। प्रकाश जब किसी पारदर्शक पदार्थ से होकर जाता है तब निम्नलिखित दो बातें हो सकती हैं।
लाल रंग के फिल्टर द्वारा सफेद प्रकाश में से नीले और हरे रंगों वाली प्रकाश तरंगों को शोषित कर लेता है। अब फिल्टर से जानेवाले प्रकाश में लाल रंग की तरंगें बहुत अधिक मात्रा में है बनिस्त नीले और हरे रंग की तरंगों के। इसलिये प्रकाश लाल दिखाई देता है।
प्रकाश फिल्टर या तो रंगीन काँच के टुकड़े से बनाए जाते हैं अथवा रंगीन जिलेटिन, सैल्यूलोस आदि की पतली झिल्ली को स्वच्छ काँच पर मढ़कर बनाए जाते हैं।
कुछ प्रकाश फिल्टर स्पेक्ट्रम का अधिकांश भाग शोषित कर लेते हैं और किसी विशेष तरंगदैर्ध्य को ही पार कर जाने देते हें। इन्हें वरणात्मक (Selective) फिल्टर कहते हैं। इसके विपरीत कुछ अन्य प्रकाश फिल्टर स्पेक्ट्रम के एक विशेष भाग का ही शोषण करते हें तथा शेष सभी भागों को जाने देते हैं, इन्हें शेषात्मक (Subtractive) फिल्टर कहा जाता है। पराबैंगनी फिल्टर दृश्य प्रकाश को जाने देते हैं परंतु पराबैगनी (ultra-violet) किरणों को शोषित कर लेते हैं।
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