प्यंगयांग (Pyongyang) स्थिति : 290� 0� उ. अ. तथा 1250� 30� पू. दे.। टैडुंग नदी के किनारे स्थित उत्तरी कोरिया गणतंत्र की राजधानी सेऊल से १२० मील उत्तर-पश्चिम, स्थित एक नगर है। यह एतिहासिक, सांस्कृतिक, औद्योगिक एवं खनन केंद्र है। यह प्राचीन नगर चारों ओर से दीवार द्वारा घिरा हुआ था पर अब दीवारें तो पूर्णतया नष्ट हो गई हैं लेकिन छह द्वारों के अवक्षेप अभी तक हैं। ऐतिहासिक अवशेषों में पहली शताब्दी ई. पू. के तीन मकबरे, जिनपर आकर्षक भित्तिचित्र हैं, बहुत ही प्रसिद्ध हैं। यहाँ प्राचीन बौद्ध मंदिर, एक ऐतिहासिक संग्रहालय एवं नृत्यविद्यालय (Keisang School) हैं। इस नगर में चीनी, रसायन, कृत्रिम रेशम एवं सूती वस्त्र, यंत्र, शराब, दियासिलाई एवं लौह इस्पा का निर्माण होता है। समीप में ही पर्याप्त मात्रा में एंथेसाइट कोयला प्राप्त हो जाता है। कल कारखानों के लिये यालू नदी से जलविद्युत् प्राप्त की जाती है। कृषि एवं कोयला क्षेत्र के बीच में स्थित व्यंगयांग अपनी सामरिक स्थिति के लिये प्रसिद्ध है। यहाँ एक केंद्रीय प्रसारण केंद्र, चिकित्साविज्ञान महाविद्यालय तथा अन्य कई विद्यालय हैं। यह स्थल एवं वायुमार्ग का एक प्रमुख केंद्र है। पेकिंग-प्यंगयांग अपनी सामरिक स्थिति के लिये प्रसिद्ध है। यहाँ एक केंद्रीय प्रसारण केंद्र, चिकित्साविज्ञान महाविद्यालय तथा अन्य कई विद्यालय हैं। यह स्थल एवं वायुमार्ग का एक प्रमुख केंद्र है। पेकिंग-प्यंगयांग-मास्को अंतर्राष्ट्रीय रेलमार्ग यहाँ से गुजरता है। पेकिंग और मास्को के लिये नियमित वायुसेवाएँ हैं। इस नगर की जनसंख्या ९,४०,००० (१९६३) थी। उत्तरी कोरिया में उत्तरी प्यंगयांग तथा दक्षिणी प्यंगयांग नामक दो प्रांत भी हैं। उत्तरी प्यंगयांग की राजधानी सिनईजू तथा दक्षिणी व्यंगयांग की राजधानी वनसान है।
(राजेंद्रप्रसाद सिंह)