पोर्ट ब्लेयर स्थिति : ११ ४० उ. अ. तथा ९२ ३० पू. दे.। यह भारतीय संघ द्वारा शासित हिंद महासागर में स्थित अंदमान द्वीप के दक्षिण-पूर्वी किनारे पर स्थित बंदरगाह, नगर एवं अंदमान तथा निकोबार द्वीपसमूह की राजधानी है यहाँ से कलकत्ता ८१० मील उत्तर-पूर्व एवं मद्रास ८४० मील पश्चिम-उत्तर-पश्चिम में है। इसकी जनसंख्या १४,०७५ (१९६१) थी। यहाँ प्रचलित भाषा हिंदुस्तानी है, जो सभी क्षेत्रों में समझी जाती है। यहाँ जलवायु प्राय: सम रहती है एवं औसत वार्षिक ताप ३० सें. तथा औसत वार्षिक वर्षा १३५ इंच है। सन् १८५८ से लेकर सन् १९४५ तक अंइमरल द्वीप भारत के अपराधियों का दंडभोग स्थान रहा एवं पोर्ट ब्लेयर इसका प्रधान कार्यालय था। इसके आस पास के कुछ भागों में खेती की जाती है। कुल जनसंख्या का छह प्रतिशत भाग कृषि में लगा है जिसमें कॉफी, सब्जियाँ, चाय आदि उगाए जाते हैं। यहाँ लकड़ी चीरना, मछली मारना, कुक्कुट पालन, नमक बनाना, जहाज बनाना, फर्नीचर धातुकर्म, पत्थर का काम, बरतन एवं कपड़े बनाना आदि प्रमुख उद्योग हैं। बाहर से यहाँ आनेवाली वस्तुओं में कपड़े और विलास की वस्तुएँ हैं तथा बाहर जानेवाली वस्तुओं में लकड़ी, बेंत तथा कई प्रकार की जंगली वस्तुएँ प्रमुख हैं। शिक्षा एवं चिकित्सा का भी प्रबंध कर दिया गया है।

सन् १७८९ में कैप्टेन आर्किबॉल्ड ब्लेयर द्वारा इस पर अधिकार किए जाने पर इसका नाम कार्नविलास रखा गया था, किंतु सन् १८५७ में इसका नाम आर्किवॉल्ड ब्लेयर के नाम पर पोर्ट ब्लेयर रख दिया गया। द्वितीय विश्वयुद्ध में सन् १९४२ से १९४५ तक यह जापान के अधिकार में भी रह चुका है। यहाँ एशिया का बहुत ही बड़ा पोताश्रय है एवं हवाई अड्डा तथा ऋतु विज्ञान केंद्र भी हैं। यहाँ पर सन् १८७२ में तत्कालीन वाइसराय लार्डमेयो की हत्या की गई थी।

(रमेशचंद्र दुबे)