पोकर (Poker) ताश का प्राचीन खेल है। इसके कई प्रकार हैं, जिनमें शोडाउन, ड्रॉ, जैकपॉट और स्टड (Stud) मुख्य हैं। इन सब प्रकारों की मूल बातें एक समान हैं। पोकर की वर्तमान खेल विधि अमरीका की देन हे। ताश के ५२ पत्तों से यह खेला जाता है। ईटं, पान, हुकुम और चिड़ी में से प्रत्येक के तेरह पत्ते होते हैं और निम्नलिखित क्रम से पहला पत्ता दूसरे से बड़ा होता है : एक्का, बादशाह, बेगम, गुलाम, दहला, नहला, अट्ठा, सत्ता, छक्का, पंजा, चौका, तिक्की और दुक्की।

दो से लेकर आठ खिलाड़ी तक इस खेल को खेल सकते हैं। इसमें खिलाड़ियों के बैठने का कोई सुनिश्चित क्रम नहीं होता। कोई भी खिलाड़ी पत्तों को गड्डी उठाकर खुला ताश अपने बाएँ के खिलाड़ी से बाँटना आरंभ करता है। जिसके सामने गुलाम खुलता है, वही पहले पत्ता बाँटता है। बाँटनेवाला अपने दाएँ हाथ के खिलाड़ी से आरंभ कर एक एक पत्ता प्रत्येक खिलाड़ी को देता है। इस प्रकार पाँच बार बाँटकर वह प्रत्येक खिलाड़ी को पाँच पत्ते देता है। पत्ता बाँटने का कार्य बाँई ओर के एक खिलाड़ी के बाद दूसरा खिलाड़ी करता है। ताश के पत्तों के विभिन्न संचयन (combination) पर पोकर के खिलाड़ी की श्रेणी निर्भर करती है। क्रमानुसार संचयन निम्नलिखित :

१. रॉयल फ्लश एक ही रंग का एक्का, बादशाह, बेगम, गुलाम तथा दहला।

२. स्ट्रेट फ्लश एक ही रंग के पाँच पत्तों का अनुक्रम, जैसे ईटं का चौका, पंजा, छक्का, सत्ता तथा अट्ठा।

३. एक समान चार पत्ते चार एक्का या अट्ठा आदि।

४. पूर्ण हाथ, या फुल हाउस इसमें तीन पत्ते एक समान और एक जोड़ा होता है, जैसे तीन चौका तथा दो बादशाह।

५. फ्लश एक ही रंग के पाँच पत्ते, जो अनुक्रम में नहीं होते।

६. स्ट्रेट इसमें पाँच पत्ते अनुक्रम में होते हैं, किंतु ये पाचों एक ही रंग के नहीं होते। इसमें एक्का बादशाह से बड़ा भी हो सकता है और उसका मान एक भी हो सकता है।

७. एक किस्म के तीन इसमें तीन पत्ते एक तरह के और अन्य दो कोई दूसरे होते हैं, जैसे तीन पंजा तथा ईटं का चौका और पान का नहला।

८. दो जोड़ा इसमें दो समान पत्तों के दो जोड़ा तथा तीन अन्य कोई पत्ते हो सकते हैं।

९. एक जोड़ा इसमें दो समान पत्तों का एक जोड़ा तथा तीन अन्य कोई पत्ते हो सकते हैं।

१०. बड़े पत्ते जब दो खिलाड़ियों के पास एक ही श्रेणी के पत्ते हों, तब बड़े पत्तों के आधार पर खेल का निर्णय होता है, जैसे यदि दो खिलाड़ियों के हाथ में फुल हाउस के पत्ते हों, तो वह खिलाड़ी, जिसके तीन समान पत्ते दूसरे से बड़े होंगे, विजेता होगा। यदि दो खिलाड़ियों के हाथ में एक जोड़ा, या दो जोड़ावाले खेल के समान पत्ते हों, तो दोनों बराबर समझे जाएँगे। यह खेल एक प्रकार का जुआ है। लोग इसमें बाजी लगाकर खेलते हैं। बाजी तभी मान्य होती है। जब खिलाड़ी बाजी की राशि पात्र में रख दें। एक बार राशि रख देने पर हटाई नहीं जा सकती। रंगीन गोटियों से भी यह खेल खेला जाता है, जिसमें सफेद, लाल, नीली, पीली गोटियाँ होती हैं। एक लाल पांच सफेद के तथा एक नीली दस सफेद गोटियों के बराबर होती है। पीली का मान नीली गोटी की अपेक्षा अधिक होता है। इन गोटियों का धनात्मक मूल्य भी निर्दिष्ट किया जा सकता है।

(अजितनारायण मेहरोत्र)