पैराफिन हाइड्रोकार्बन या बहुवचन में पैराफिन उन यौगिकों को कहते हैं जिनमें रासायनिक सक्रियता बहुत ही अल्प होती है। इनका नाम पेरस (parum) = स्वल्प, एफिनिस (affinis) = बंधुता के कारण पैराफिन पड़ा है। हाइड्रोकार्बन में केवल कार्बन और हाइड्रोजन होते हैं। पैराफिन हाइड्रोकार्बन पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और अन्य खनिज तेलों में पाए जाते हैं। सबसे सरल संरचना का पैराफिन मेथेन है, जो कोयले की खान के कोयला-गैस, दलदल से निकली गैस तथा मलजल के अवमलों से निकले अवपंक (sludge) में पाया जाता है। कुछ पौधों के मोम सदृश अवयवों में भी पैराफिन हाइड्रोकार्बन पाया जाता है। हाइड्रोकार्बन में पैराफिन ऐसे हाइड्रोकार्बन हैं, जिनमें हाइड्रोजन की अधिकतम मात्रा रहती है। इन्हें संयुक्त हाइड्रोकार्बन भी कहते हैं। वैज्ञानिकों ने इनका क्रमबद्ध नाम अलकेन (alkanes) दिया है।
पैराफिन यौगिकों की एक श्रेणी बनाते हैं, जिनका निरूपण व्यापक सूत्र, कान हा2न+2 (Cn H3n+2), से होता है। इसमें न (n) = १, २, ३, ........ (हेप्टाकंटेन में ७० तक) है। इसके यौगिकों के कार्बन परमाणु सीधी रेखाओं में, अथवा सशाख शृंखलाओं में, संबद्ध हो सकते हैं। इस प्रकार के बंधन से ही ऐसे यौगिकों में समावयकता (Isomerism) होती है।
निर्माण की विधि � पैराफिन के निर्माण की विधियों में से कुछ निम्नलिखित हैं :
१. किसी वसीय अम्ल के सोडियम लवण को सोडा लाइम के साथ गर्म करने से पैराफिन बनता है, जैसा निम्नलिखित सूत्र से प्रकट है : मूकाऔऔसो + सोऔहा � मूहा (पैराफिन) + सो२काऔ३
(RCOONa + NaOH � RH (पैराफिन) Na2Co3
२. कोल्बे की (Kolbe's) विधि द्वारा किसी वसीय अम्ल के सोडियम या पोटैशियम लवण के विलयन के जलीय विद्युद्विश्लेषण से मेथेन के अतिरिक्त अन्य सब पैराफिन बन सकते हैं।
३. (क) ऐल्किल हैलाइड के शुष्क ईथर में सोडियम या जस्ते से क्रिया करने से, (ख) ऐल्किल हैलाइड को जस्ता-ताँबा या ऐल्यूमिनियम-पारा युग्मक और एथेनॉल (ethanol) के साथ अपचयन से तथा (ग) ऐल्किल हैलाइड को बंद नलियों में हाइड्रियॉडिक अम्ल और लाल फास्पोरस के साथ गरम करने से।
४. सावात्या-सेंडेरेंस (Sabatier-Senderens) विधि द्वारामोनो हाइड्रिक ऐलकोहलों को हाइड्रियॉडिक अम्ल से अपचयन और असंतृप्त हाइड्रोकार्बनों के हाइड्रोजनीकरण से भी पैराफिंस प्राप्त होते हैं।
५. पानी से तनूकृत खनिज अम्लों, ऐल्कोहलों तथा ऐल्किल हैलाइडों द्वारा मैग्नीशियम ऐल्किल हैलाइड के विघटन से भी पैराफिन प्राप्त होती है।
गुण � पैराफिन यौगिकों की श्रेणी में यौगिकों के अणुभार ज्यों ज्यों बढ़ते हैं त्यों त्यों यौगिकों के विशिष्ट गुरुत्व, गलनांक और क्वथनांक भी बढ़ते जाते हैं। पैराफिंस के प्रथम चार यौगिक गैस, उसके बाद के ११ यौगिक द्रव और शेष सभी यौगिक ठोस होते हैं। पैराफिंस पानी में नहीं घुलते, किंतु हाइड्राक्सिल रहित (nonhydoxylic) विलायकों में घुल जाते हैं। रसायनत: ये निष्क्रिय होते हैं। कुछ ही अभिकर्मकों, जैसे हैलोजन और ऑक्सीकारों से ये आक्रांत होते हैं, जिनमें से कुछ की अभिक्रियाएँ निम्नलिखित हैं :
हैलोजनों (halogens) से :
काहा४ + य२ � काहा३ + हाय
(CH4 + X2 � CH3 X + HX)
यहाँ य (X) = फ्लो (F), क्लो (Cl,) ब्रो (Br) या आ (१) है। हैलोजन हाइड्रोजन के एक या सभी परमाणुओं को प्रतिस्थापित करता है।
मूहा + हा२गंऔ४ � मूंगऔ३हा + हाऔह:
(RH + H2SO4 � RSO3H + HOH)
नाइट्रिक अम्ल से :
काहा४ + हानाऔ३ � काहा३नाऔ२ + हाऔहा
(CH4 + HNO3 � CH3NO2 + HOH)
सल्फ्यूरिल क्लोराइड से :
का४हा१० + गं ओ२क्लो२ पिरिडिन या /प्रकाश में , का४हा९ गं औ२क्लो + हा क्लो
(C4H10 + SO2 Cl2 in pyridine /or light ,C4H2SO2 + Cl + HCl)
पैराफिंसों के ऑक्सीकरण से पानी और कार्बनडाऑक्साइड बनते हैं और बहुत उष्मा निकलती है। अधिक गर्म करने पर पैराफिन दो या दो से अधिक पदार्थो में विघटित हो जाते हैं। ऊँचे ताप पर उत्प्रेरेकों (catalysts) की उपस्थिति में, ये समावयवीकरण (isomerise) करते हैं।
उपयोग� निम्न पैराफिन ईधंन के लिये और कज्जल या कजली (carbon black) के निर्माण में उपयोगी हैं। प्रोपेन के साथ मिला हुआ ब्यूटेन घरेलू गैसीय ईधन का काम देता है। पेंटेनों का उपयोग विलायक ईधंन और पेंटेसोल (pentasol) के निर्माण में होता है। ऑक्टेन और हेक्सेन मोटर के ईधंन और हेक्साडेकेन डीज़ेल इंजन में ईधंन का काम देता है। अर्ध ठोस हाइड्रोकार्बन वैसलिन के रूप में अनेक शृंगार सामग्रियों और ओषिधियों में प्रयुक्त होते हैं। ठोस हाइड्रोकार्बनों से मोमबत्तियाँ बनती हैं
(मोहम्मद उमर फारुक)