पेशावर स्थिति : ३४० २� उ. अ. ७१० ३७� पू. दे.। १. जिला, यह पश्चिमी पाकिस्तान में मंडल (डिविजन) एवं जिला है। संपूर्ण पेशावर जिले की जनसंख्या ९,०३,२०३ (१९६१) थी। यह मैदानी भाग है। इस मैदान में काबुल, बारा तथा स्वात नदियों से निकली नहरों द्वारा सिंचाई की जाती है जिसके फलस्वरूप गेहूँ, कपास, जौ, फल तथा चारे आदि की अच्छी फसल उत्पन्न हो जाती है।
२. नगर, वारा नदी के बाएँ किनारे पर एवं खैबर दर्रा से ११ मील दूर स्थित एक नगर है। नगर की जनसंख्या २,१८,६९१ (१९६१) थी। खैबर दर्रे के पास बसे होने के कारण यह नगर सामरिक एवं व्यापारिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण रहा है, क्योंकि यह अफगानिस्तान तथा मध्य एशिया के मार्ग में पड़ता है। विविध प्रकार की वस्तुएँ काफिलों एवं मोटर गाड़ियों द्वारा खैबर दर्रे से होकर यहाँ आती जाती हैं। अत: पेशावर पुनर्निर्यात करनेवाला केंद्र है। पेशावर में कई शताब्दियों से काबुल, बुखारा एवं समरकंद के व्यापारी बसंत ऋतु में आया करते थे जो अपने साथ घोड़े ऊन, ऊनी सामान, रेशम, फल, कीमती पत्थर एवं गलीचे आदि आते थे। इनका व्यापार दिल्ली, आगरा और कलकत्ता तक होता था। यह नगर पर्वतों से घिरे उपजाऊ मैदान में बसा है। यहाँ कुटीर-उद्योग-निर्मित वस्तुएँ विशेषत: चाकू, तहमद (लुंगी), तांबे के बरतन एवं चप्पलें आदि हैं। रेल, सड़क एवं वायुमार्ग के द्वारा यह पाकिस्तान के अन्य नगरों से जुड़ा है। यहाँ के निवासी इस्लाम मत को मानते हैं।
(जगदीश सिंह)