पेतिताे जाँ (१६०७-१६९१) फ्रांसीसी स्विस चित्रकार। जेनेवा में उत्पन्न हुआ, पर बाद में जेनेवा से फ्रांस और तत्पश्चात् लंदन जा बसा। लंदन में चार्ल्स प्रथम द्वारा उसे संरक्षण मिला। वह मीने पर पच्चीकारी और सूक्ष्म चित्रांकन में बड़ा ही दक्ष था उसकी मौलिक कलाकृतियों के साथ सर ऐंथोनी वान ड्यूक द्वारा निर्मित छवि चित्रों की अनेक प्रतिलिपियाँ भी उपलब्ध हैं। प्रतिलिपि या मौलिक¾ चाहे जो हो¾ उसकी हर कृति में अनुपात, सौष्ठव और यथार्थता की सहज प्रतीति होती है। राजनीतिक द्वंद संघर्षों के के कारण उसे पुन फ्रांस लौट आना पड़ा था।वहाँ लुई १४वें के संरक्षण में उसने स्वयं सम्राट् राजपरिवार, तत्कालीन उच्च पदाधिकारियों एवं प्रशासकीय नेताओं की बड़ी ही कलात्मक छवि विधिकाएँ बनाईं।
बाद में धर्मपरिवर्तन कर लेने के कारण उसे अनेक संकट सहने पड़े। उसे बंदी भी बना लिया गया था। बीमारी और वृद्धावस्था से जर्जर उसे फिर अपने विचारों में परिवर्तन लाने के लिये बाध्य होना पड़ा। लदन के विक्टोरिया एंड एलबर्ट म्यूजियम तथा लाउवेर व पेरिस की कला प्रदर्शनियों में उसकी अनेक छोटी 'पोर्ट्रेट' चित्रिकाएँ सुरक्षित हैं।
(शचीरानी गुर्टू)