पेंतातुख बाइबिल के प्रथम पाँच ग्रंथों का समूह पेंतातुख अथवा मूसा संहिता (ईब्रानी भाषा में तोरा) कहलाता है। उन ग्रंथों के नाम इस प्रकार है � उत्पत्ति, निष्क्रमण, लेवितिकुस, गिनती (बुक ऑव नंबर्स) और विधि विवरण। प्रथम दो ग्रंथों के विषय में दे. उत्पत्ति, निष्क्रमण।
पृथ्वी तथा मनुष्य की सृष्टि, इसराएली जाति की उत्पत्ति, उसपर ईश्वर की कृपादृष्टि तथा उसके नेता मूसा द्वारा विधिसंग्रह की घोषणा� ये पेंतातुख के मुख्य विषय हैं। यपि पेंतातुख के ग्रंथों के कुछ अंश अब्राहम (१८०० ई. पू.) तथा मूसा (१२४० ई. पू.) के समय के हैं, फिर भी उसका वर्तमान रूप ९००-६०० ई. पू. का माना जाता है। इसकी रचना (जे., ई. पी., डी. नामक) चार मुख्य परंपराओं के आधार पर हुई थी, अत: यत्र तत्र किसी विषय के गौण परिवर्तनों के साथ पुनरावृत्ति भी हुई है।
धार्मिक दृष्टि से पेंतातुख का अर्थ इस प्रकार है � ईश्वर मसीह के द्वारा मानव जाति को मुक्ति दिलाने की अपनी योजना प्रकट करता है; इसके कार्यान्वयन के लिये इसराएली जाति को चुनता है; मूसा के द्वारा उस जाति को एक संहिता प्रदान करता है तथा उसे यह आसवासन देता है कि मसीह इसराएल में उत्पन्न होंगे। ईसाइयों का विश्वास है कि बाइबिल प्रतिज्ञात मसीह ईसा ही हें।
सं. ग्रं. बिबल द जेरुसलेम, १९५२।
(आस्कर वेरक्रूसे)