पृथूदक तीर्थ विशेष। यह अंबाला जिले में कुरुक्षेत्र के निकट सरस्वती तट पर स्थित है। पृथु के पिता वेण की अंत्येष्ठि क्रिया यहीं संपन्न हुई थी और इस क्रम में पृथु ने १२ दिनों तक जलदान किया था। जिससे इस स्थान का नाम पृथूदक पड़ा। यहाँ के ध्वंसावशेषों और जीर्ण पुरातत्व सामग्रियों के आधार पर इस स्थान की प्राचीनता निर्विवाद है। इसके अंतर्गत अन्य कई तीर्थ भी हैं जिनमें पापांतक, घृतस्रवा, मधुस्रवा, बृहस्पति, ययाति, पृथ्वीश्वर आदि मुख्य हैं। पृथूदक को सभी तीर्थो में श्रेष्ठ कहा गया (महा.)। इसमें स्नान करने से विश्वामित्र ब्रह्मर्षि बन गए थे (वामन. ३८.३)(श्याम तिवारी)