पूगे पियर (१६२२-१६९४) मार्सेई में इस कलाकार का जन्म हुआ, जो शिल्पकार, चित्रकार, वास्तुशिल्पी तथा इंजीनियर रहा। पियेत्रो कोर्तोना ने वारेवारिनि पैलेस पर छत बनवाने के काम पर उसे नियुक्त किया। सन् १६४३ में उसने कुछ व्यक्तिचित्र तथा युद्धपोतों के अग्रभाग में शीर्षाकृतियाँ बनाईं एक्स, टाइलोन, क्युयेर्स और ला सियोटाट के लिये उसने काफी कलाकृतियां बनाई। बीमारी के कारण उसे शिल्प से चित्रकला की और झुकना पड़ा। वह जिनोआ गया था लेकिन टाइलोन के बंदरगाह पर काम करने के लिये उसे आना पड़ा। अर्सेनाल की आगजनी के विध्वंस से निराश होकर उसे मार्सेई में आना पड़ा और टाइलोन का शेष कार्य पूरा करना पड़ा। वह पेरिस गया था लेकिन १४वें लुई की प्रतिमा बनाने के लिये उसे शीघ्र ही लौटना पड़ा। उसकी बनाई हुई मिलो, हरक्यूलिस आंद्रोमेदा आदि मूर्तियाँ काफी प्रसिद्ध हैं।

(भाऊ समर्थ)