पुश्किन, अलेक्सांदर सेर्गेयेविच (२६ मई १७९९-२९ जनवरी १८३७) महान् रूसी कवि और लेखक। जन्म मास्को में हुआ। सन् १८११-१८१७ त्यास्कोंये सेलो में लित्सेई (विशेल स्कूल) में शिक्षा। १८१४ में 'एक मित्र कवि के प्रति ' नामक पहली कविता प्रकाशित हुई। शिक्षा के बाद विदेश मंत्रालय में कार्य। १८१८ में 'हरा लैंप' (एक साहित्यिक संस्था) का सदस्य हुआ। १८१७१८२० में 'रुस्लान और ल्यूट्मिला' एक काव्य लिखा। १८२० में राजनीतिक तथा धर्मविरोधी कविताओं के लिए रूसी ज़ार अलेक्सादर प्रथम के हुक्म के अनुसार दक्षिण रूस की ओर निर्वासन हुआ। दक्षिण में अनेक अजादीपसंद काव्य लिखे, जैसे 'काकेशियावाला कैदी', 'डाकू भाई', 'बाखचीसाराय का फौवारा' और 'जिप्सी'। १८२३-१८३१ में पद्यात्मक उपन्यास 'एव्गेनीय ओनेगिन' लिखा। १८२३ में ओदेसस नगर में और १८२४ में मिखाइलोव्स्कोये गाँव में (प्स्कोव के नजदीक) भिजवाया गया। इसी वर्ष ट्रेजदी वोरिस गोदुनोव' और पद्यात्मक लघु उपन्यास 'कउंट नुलिग' लिखे। १८२६ में रूसी जार निकोलाई प्रथम ने पुश्किन को निर्वासन से पेतर्बुग को वापस मँगवा लिया। वहाँ 'पोलतावा' ऐतिहासिक काव्य तथा 'अर्जरूम' की यात्रा' कृति लिखी। १८३० में पुश्किन का विवाह नताल्या निकोलायेव्ना गोंचारोवा से हुआ। कई 'लघु ट्रेजदियां' लिखीं, जैसे 'कंजूस आदमी', 'मात्सर्त और साब्येरी' और 'पथरीला मेहमान'। साथ ही 'कोलोम्ना में छोटा मकान', प्लेग के समय एक दावत', 'स्वर्गीय इबान पेत्रोविच बेलकिन क कहानियाँ', 'पोप और उसका नौकर बलाद', 'टुब्रोवस्क', कप्तान की बेटी' और 'बेगम' ('पिकोवाया दामा') कृतियाँ लिखीं। इसके बाद 'पुणोचव का इतिहास' और 'तांबे का घुड़सवार' काव्य प्रकाशित हुए। ज़ार के दरबारी लोग जो पुश्किन से द्वेष करते थे, इनकी पत्नी के संबंध में गंदी चर्चा करने लगे। इसके फलस्वरूप पुश्किन का द्वंद्वयुद्ध एक फ्रांसीसी प्रवासी दंतेस से हुआ, जिसमें पुश्किन सख्त घायल हुआ। दो दिनों के बाद पुश्किन का स्वर्गवास हुआ। पुश्किन ने रूसी साहित्य में यथार्थवाद का बड़ा प्रचार किया। इन्होंने रूसी साहित्यिक भाषा को समृद्ध किया। अक्टूबर क्रांति के बाद पुश्किन का नाम एक नगर (त्सार्स्कोंये सेलो) तथा अनेक संस्थाओं को दिया गया। सन् १९१७ से १९५४ तक सोवियत संघ में पुश्किन की कृतियाँ ८१ भाषाओं में ६८० लाख की संख्या में प्रकाशित हुई। पुश्किन की कई कृतियाँ ('जिप्सी' कप्तान की बेटी) हिंदी में अनूदित हुई।(परिपूर्णानंद वर्मा)