पुरोडाश हवि का एक प्रकार जिसमें जौ की रोटी विशेष विधि से बनाई जाती थी। हेमचंद्र ने तो इसे सोमरस कहा है, परंतु भट्टि कहते हैं - 'आभिक्षीयं दधि क्षीरं पुरोडाश्यं तथौषधम्। हविर्हैयंगवीनं च नाप्युपघ्नन्ति राक्षसा:।(रामाज्ञा द्विवेदी)