पुरुकुत्स पुरुकुत्स का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है। वह दुर्गहा का पुत्र था, इसलिए उसे दौर्गह भी कहा जाता था। पुरुकुत्स की पत्नी का नाम पुरुकुत्सानी था। सप्तर्षि की कृपा से उसे त्रसदस्यु नाम के पुत्र की प्राप्ति हुई। पुराणों के अनुसार पुरुकुत्स मांधाता और बिंदुमती का पुत्र था। इसकी पत्नी नागकन्या नर्मदा थी। नागकन्या नर्मदा को नागों का वर था कि उसके स्मरण से सर्प का भय न रहेगा। महाभारत के अनुसार पुरुकुत्स यम की सभा में मौजूद था। वसुद, त्रसदस्यु और अनरण्य इसके पुत्र थे।
सं.ग्रं. - सिद्धेश्वर शास्त्री चित्राव : प्राचीन चरित्रकोश (मराठी)।
(जगदीशचंद्र जैन)