पूणे (पूना) १. जिला, स्थिति : १७° ५४¢ से १९° २४¢ उ.अ. तथा ७३° १९¢ से ७५° १०¢ पू.दे.। यह महाराष्ट्र राज्य का जिला है। इसका क्षेत्रफल ६,०३३ वर्ग मील है। इसके उत्तर में अहमदनगर, पूर्व में अहमदनगर एवं शोलापुर, दक्षिण में नीरा नदी एवं सतारा तथा पश्चिम में कोलाबा जिले स्थित हैं। पुणे का पश्चिमी भाग पश्चिमी घाट पहाड़ के कारण ऊँचा नीचा है। पूर्व की ओर ढाल नीची होती जाती है। पुणे का पठार १,८०० फुट ऊँचा है। पश्चिम में भोर घाट रेल एवं सड़क का मुख्य द्वार है। यहाँ भीमा नदी बहती है। पश्चिमी घाट पर चीता, तेंदुआ, भालू आदि जंगली जानवर मिलते हैं तथा साँभर, बिसन, हरिण, भेड़िए, जंगली सूअर आदि भी पाए जाते हैं। मई में ताप ४१° सें. तक हो जाता है। मानसून मध्य जून से प्रारंभ होकर सितंबर के अंत तक रहता है। पहाड़ों पर वर्षा १८५ इंच, पुणे नगर में ३२ इंच तथा पूर्व की ओर २० इंच तक होती है। कृषि में तीन फसलें उगती हैं। धान, बाजरा, तुर, ज्वार, रागी, गेहूँ, चना, मसूर, दालें तथा फलों में अंगूर, अंजीर, अमरूद, संतरे आदि उगते हैं। शिक्षा में अग्रणी भारत के २४ जिलों में एक यह भी है। यातायात का यहाँ उत्तम प्रबंध है।

२. नगर, स्थिति : 18° 31¢ उ.अ. तथा 73° 51¢ पू.दे.। यह पूणे जिले में सागरतल से १,८५० फुट की ऊँचाई पर, समुद्रतट से ६३ मील अंदर की ओर, बंबई से ११९ मील दक्षिण-पूर्व में स्थित, जिले का प्रमुख नगर एवं शासन का केंद्र है। यह मुथा नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है। यह प्राचीन काल से फौज की छावनी के लिए प्रसिद्ध रहा है। यहाँ सूती और रेशमी कपड़ों की बुनाई होती है। पीतल, ताँबा, लोहे आदि के सामान बनते हैं एवं गहने, पंखे, टोकरियाँ आदि भी बनाई जाती हैं। यहाँ बंदूक का कारखाना, कागज की मिल, उत्तम वेधशाला तथा सैनिक शिक्षा और सिने शिक्षा का कालेज भी है।(रमेशचंद्र दुबे)