पीराली या पीर अली बंगाल के राष्ट्रीय ब्राह्मणों के एक वंशज। कहते हैं, लगभग पाँच शताब्दी पूर्व दिल्ली के बादशाह से सनद लेकर खाँजहाँ अली सुंदर बन को आबाद करने के लिए आए। एक ब्राह्मण पर उनकी विशेष कृपादृष्टि रहती थी और उन्हीं के कहने से उसने मुसलमानी धर्म स्वीकार कर लिया। उसने अपना नाम अब मुहम्म्द ताहिर रख लिया। यही बाद में पीर अली के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इसने इसलाम धर्म के प्रचार का जीतोड़ प्रयत्न किया। उस क्षेत्र के प्रसिद्ध जमींदार रामचौधरी के दो वंशधर कामदेव राय तथा जयदेव राय थे। इनकी सद्भावनापूर्ण आलोचना से चिढ़कर उसने इन्हें भी अपमानित किया और इन्हें जबरन गोमांस खिला देने का आदेश दिया। विवश होकर उन्हें मुसलिम धर्म स्वीकार कर पीरअली की शरण लेनी पड़ी।