पीतांबर मित्र राजा राजेंद्रलाल मित्र के प्रपितामह। आप फारसी के विद्वान् थे। दिल्ली सम्राट् शाह आलम ने आपकी कार्यक्षमता देखकर आपको तीन हजार सेना का अधिपति बनाया। सन् १७८४ में जब काशीनरेश चेतसिंह ने अंग्रेजों के विरुद्ध शस्त्रग्रहण किया तो आपने अंग्रेज सेनापति की सहायता की। बाद में आप वैष्णव धर्म में दीक्षित हो गए और ईश्वरचिंतन में निरत रहने लगे। सन् १८०६ में आपकी मृत्यु हुई।