पिलाते पोंतिअस (Pilate Pontius) सम्राट् टाइबेरस के समय रोम साम्राज्य के प्रांत जूडे समारिया, इंड्यूमिया आदि में ईर्ष्या और द्वेष के कारण गृहयुद्ध चलते रहते थे। शांति स्थापित करने के लिए पिलाते यहाँ का गवर्नर (सन् २३-३६ तक) नियुक्त किया गया। इन प्रांतों के निवासियों को पिलाते से किसी प्रकार की सहानुभूति न थी। न वह उनकी समस्याओं को ही समझ सका था। इसी समय ईसा मसीह अपने उपदेश दे रहे थे। उन्होंने कहा, 'मैं मुक्तिदाता हूँ, ईश्वर का पुत्र हूँ।' पिलाते ने उनपर ईश्वरनिंदक का अभियोग लगाकर मुकदमा दायर किया। ईसा मसीह के विचारों से पिलाते का हृदयपरिवर्तन हो गया और वह उन्हें मुक्त करना चाहता था। किंतु उनपर सम्राटों के विरुद्ध राजद्रोह का अभियोग भी लगाया गया था। अत: पिलाते ने ईसामसीह को सूली पर चढ़ाने की आज्ञा दी।
((कुमारी) शुभदा तेलंग)