पास्काल, ब्लेज़ (Pascal, Blaise; १६२३ई. से १६६२ ई.), फ्रांसीसी गणितज्ञ एवं दार्शनिक थे। ज्यामिति की ओर बचपन से ही इनकी रुचि थी। १६ वर्ष की उम्र में ही इन्होंने शांकव गणित पर उच्च कोटि के ग्रंथ की रचना की। ग्रीकों की ज्यामिति से सर्वथा भिन्न 'प्रतिलेखीय ज्यामिति' के ये जन्मदाता हैं। 'संकलन यंत्र' का निर्माण इन्होंने केवल १९ वर्ष की उम्र में किया। फेर्मा (Fermat) के साथ 'प्रायिकता (probability) के सिद्धांत' के आविष्कार के भागी ये भी हैं। वृत्तजात के ज्ञान में इन्होंने अत्यंत वृद्धि की। इन्होंने पानी और हवा के दबाव पर प्रयोग किए, जिसके आधार पर वायुमंडलीय भार (atmospheric weight) के सिद्धांत तथा पॉस्कल सिद्धांत (अर्थात् अंतर्विष्ट द्रव पर दबाव डालने पर दबाव बिना कम हुए संपूर्ण द्रव से पारेषित होता है तथा जिस क्षेत्र पर दबाव डाला गया है उससे निरपेक्ष रहता है) का प्रतिपादन किया। पॉस्कल ने इस सिद्धांत के अनुप्रयोग से द्रवचालित दाबक का आविष्कार किया।
सतत परिश्रम के कारण १८ वर्ष की उम्र से ही ये बीमार रहने लगे और ३९ वर्ष की अल्पायु में ही परलोक सिधार गए।(रामकुमार )