पालिसी, बर्नार्ड (सन् १५१०-१५८९) एक फ्रांसीसी शोधकर्ता थे। इनका अधिकांश कार्य सेरेमिक्स (Ceramics) के क्षेत्र में था, परंतु इन्होंने मिट्टियों, मृदाओं, लवणों आदि का भी अध्ययन किया। वे पैरासेल्सस से विचारों की नवीनता में बहुत आगे बढ़े थे। इन्हें कृषिरसायन का संस्थापक कहा जाता है।

अपने जीवनकाल में इन्होंने अपने प्रयोगजनित अनुभवों को पुस्तकाकार किया। इनका यह मत था कि फसलें भूमि से कुछ आवश्यक तत्व ले लेती हैं, जिनकी पूर्ति विविध प्रकार की खादों के डालने से होती है। इन खादों में विशेष लवण होता है, जो खादों को पानी में खुला रखने से घुल जाता है। यही नहीं, यही लवण विभिन्न फसलों के डंठलों एवं तनों में होता है, जो उनके सड़ने पर पान द्वारा घुलकर बाहर निकलता रहता है। यदि डंठलों को जला दिया जाए, तो राख में विद्यमान लवण खाद का कार्य करता है।(शिवगोपाल मिश्र)