पॉटर, पॉल (1625-1654) पशुओं का डच चित्रकार। उसके पिता पीटर पॉटर स्वयं भी लैंडस्केप और 'पौर्ट्रेट' पेंटर थे। जन्मजात संस्कारों के अलावा उन्होंने पुत्र को प्रशिक्षित भी किया। इसके अतिरिक्त समकालीन कलाकारों एवं लेखकों का संपर्क भी उससे बना रहा। वह नितांत प्रकृतिप्रेमी और सौंदर्योंपासक था। दृश्य जगत् के मोहक, लुब्धकारी प्रसार में उसकी अन्वेषी वृत्ति रमती थी। लगभग २० वर्ष की आयु में वह हेग जा बसा जहाँ १६५० में उसने विवाह किया। ऑरेंज के प्रिस मॉरिस का संरक्षण उसे प्राप्त था, उसी के लिये उसने 'यंग बुल' का एक बृहदाकार चित्र बनाया जो हेग की आर्ट गैलरी की सर्वोत्कृष्ट कलाकृति है।

पॉल द्वारा निर्मित पशुओं, एवं जानवरों की आकृतियाँ प्राय: छोटी, पर समानुपात, सुचारुता, यथार्थ अनुकृति और तद्रूप सांगोपांग संयोजन में बड़ी ही सुगढ़ बन पड़ी हैं। पृष्ठभूमि के दृश्यांकनों में सूक्ष्म प्रकृतिपर्यवेक्षण, प्रतिपाद्य विषय की गहरी, मर्मभेदी पैठ, छिछली भावुकता से परे आयासहीन, अकृत्रिम सरलता जिसमें सधे हाथों का कलानैपुण्य द्रष्टव्य है। धर्मग्रंथों से प्राचीन प्रसंगों, कथाख्यानों और ग्रीक पौराणिकता का आधार लेकर उसने ऐसे पशुओं के चित्र भी आँके जैसे पैट्रियार्क का पशुधन। अपने अल्प जीवनकाल में वह इस त्वरा और भीतरी प्रेरणा के आवेश में सैकड़ों चित्र सिरजता गया मानो उसे पता हो कि उसका जीवन बहुत छोटा है। उसकी ठोस इंचिंग पेंटिंग और घोड़ों के छोटे 'पोट्रेट' चित्र भी मिले हैं जो सादे पर सम्यक् परिपूर्णता लिए हैं।(शचीरानी गुर्टू)