पाउंड, एज्रा लूमिस अमरीकी कवि, समालोचक तथा अर्थशास्त्र और इतिहास के विद्वान्। जन्मस्थान- हेली, अक्टूबर ३०, १८८५। पिता सरकारी अधिकारी। हैमिल्टन कालेज से १९०५ में स्नातक। सिलवेनिया से एम.ए. पास करन के बाद वेबाश कालेज में प्रवक्ता, चार महीने में निष्कासन। पाउंड ने १९०८ में पशु ले जानेवाले जहाज से जिब्राल्टर, और वहाँ से वेनिस की यात्रा की। उनकी प्रथम पुस्तक 'ए ल्यूम स्पेंटो' का प्रकाशन भी वहीं से हुआ। १९०९ से १९२० तक लंदन में निवास और 'एक्जल्टेशन्स' तथा 'परसोने' के प्रकाशन के पश्चात् कवि रूप में उन्होंने विशेष ख्याति प्राप्ति की। १९१० में प्रथम गद्यरचना 'दि स्पिरिट ऑव रोमांस' का प्रकाशन हुआ। 'टी.ई.हुल्म' के इमेजिस्ट आंदोलन की सक्रिय सदस्यता के लिए भी वे विख्यात हैं। 'रिपास्ट' तथा 'डेस इमेजिस्ट' पुस्तकों द्वारा उन्होंने इसमें सहयोग किया।
पाउंड को चित्रकला, वास्तुकला एवं संगीत का भी विशेष शौक था। चीनी कविता और जापानी नाटक का इंग्लैड में प्रचार किया। (चीनी कविताओं का 'केथाय' पुस्तक में अनुवाद)। मध्ययुग के साहित्य एवं संस्कृति से वे विशेष प्रभावित थे। डब्ल्यू. केट्स, टी.एस. इलियट, टैगोर, जेम्स ज्वॉयस, अरनेस्ट हेमिंगवे सभी उनके द्वारा उपकृत।
पांउड ने अनेक देशों का भ्रमण तथा अनेक भाषाओं का अध्ययन किया। फ्रेंच भाषा ने उनमें तीखापन दिया। उनका महाकाव्य 'कैंटोज़' पेरिस में १९१५ में आरंभ हुआ और ४० वर्षो में पूरा किया गया, द्वितीय विश्वयुद्ध में इटली से अमरीकी अर्थनीति तथा राष्ट्रपति रूजवेल्ट की कटु आलोचना करने के कारण १९४५ में पिसा में नुकीले कटघरे में बंदी रखे गए। यहीं 'पिसन कैंटी' लिखा गया जिसपर १९४९ में बोलिंजन पुरस्कार सर्वोत्कृष्ट अमरीकी कविता होने के कारण मिला। दो चीनी कनफ्यूशस पुस्तकों को 'दि अनवोवलिंग पिवट' तथा 'दि ग्रेट डाइजेस्ट' नाम से प्रकाशित किया गया।
पाउंड की रचनाओं को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है - आलोचनात्मक, ऐतिहासिक तथा आर्थिक, एवं कविता। इलियट ने उन्हें महान् कवि एवं समालोचक माना और २०वीं शताब्दी के सभी कवियों को उनसे प्रभावित पाया। उसने अपनी कविता 'वेस्ट लैंड' उन्हें समर्पित की। वे कविता में सुधार के पक्षपाती थे और सुनिश्चित विषय की कम शब्दों में स्पष्ट व्याख्या के समर्थक। उनका महाकाव्य 'कैटोज़' ऐतिहासिक एवं आर्थिक अध्ययन का मानव इतिहास है - मधुर कम, वर्णानात्मक अधिक। इसमें धन का मानव पर प्रभाव दिखाया गया है। इसमें सभी प्रकार के ज्ञान तथा परंपराओं का सन्निवेश है। नामक ऐतिहासिक काल की यात्रा करता हुआ ग्रीक काल से प्रथम विश्वयुद्ध तक नरक, धन और बैंकों की व्यवस्था संताप या प्रायश्चित्त काल की यात्रा करता हुआ अंत में ऐसे नगर की कल्पना करता है जो सामाजिक सौंदर्य के साथ ही आध्यात्किक सुव्यवस्था में सहायक होता है, और यही उनका स्वर्ग है। 'सेलेक्टेड पोएम्स' सर्वोत्तम कविता संग्रह है। 'ए.बी.सी.ऑव रीडिंग' (१९३४) समालोचना सिद्धांत का ग्रंथ है।(गिरींद्रनाथ शर्मा)