पर्किन, विलियम हेनरी (कनिष्ठ) (Perkin, W.H., junior) संश्लेषण रसायन के क्षेत्र में कार्य करनेवाले इस प्रसिद्ध रसायनज्ञ का जन्म १७ जून, १८६० ई. को सडबरी में हुआ। १८७७-७९ ई. तक दो वर्ष इन्होंने रॉयल कालेज ऑव साइंस में अध्ययन किया, और फिर अगले पाँच वर्ष इन्होंने जर्मनी में वुर्ट्ज़बर्ग में विसलीसीनस (Wislicenus) की शिष्यता में और म्यूनिक में बेयर (Baeyer) की शिष्यता में बिताए। एडिनबरो के हेरिटवाट कालेज में (१८८७-९२ ई.), मैंचेस्टेर में (१८९२-१९१३ ई.) तथा ऑक्सफर्ड में (१९१३-१९२९ ई.) प्राध्यापक के पद पर रहे। इनके प्रसिद्ध संश्लेषण ये हैं : पॉलिमेथिलीन वलय (१८८३-९४ ई.), एथिल बेन्जॉयल ऐसीटेट और इनके व्युत्पन्न (१८८४-८६ ई.), ऑर्थों बेन्जॉयल ऐसीटिक अम्ल को सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ गरम करके ऐंथ्राक्विनोन (१८९१ ई.), इंडीन एवं हाइड्रइंडीन और उसके व्युत्पन्न (१८९७ ई.), कपूर और इनके व्युत्पन्न (१८९७ ई.), थॉर्प के साथ कैंफोरोनिक अम्ल का संश्लेषण (१८९७ ई.), एल्केलॉइड पर कार्य (१८९०-१९२९ ई.) जैसे बरबरिन, नारकोटिन, कोटार्निन, क्रिप्टोपिन, प्रोटोपिन और स्ट्रिकनिन पर, टरपीनों पर कार्य (१९०४-१९२१ ई.) जिसमें १९०४ ई. का टरपिनिऑल का संश्लेषण मुख्य हैं, ब्रैज़िलिन और हिमेटॉक्सिलिन (१९०१-२८ ई.), हार्मिन और हार्मेलिन (१९१२-२७ ई.) तथा आइसोक्विनोलिन यौगिक (१९२५-२६ ई.)। इन्होंने पॉलिमेथिलीन वलयों पर जो कार्य किया, उसके आधार पर बेयर ने अपना विकृतिसिद्धांत (Strain Theory) प्रतिपादित किया। पर्किन की मृत्यु १७ सितंबर, १९२९ ई. को हुई।(सत्यप्रकाश )