पटबेगार १. बंबई राज्य की एक हिंदू जाति जो पटबेकर लोगों की ही तरह रेशम के फुँदने आदि बनाने का तथा रेशमी कपड़ा बुनने का भी काम करती है। जिस ग्राम में ये मुख्य रूप से बस गए थे, उसी के नाम से इन्हें पदवी प्राप्त हुई और उस ग्राम के नाम से ही इनकी अलग अलग शाखाएँ प्रसिद्ध हो गई हैं। यद्यपि इन लोगों में एकगोत्रीय विवाह भी प्रचलित है, फिर भी वर कन्या का अलग अलग शाखाओं का होना आवश्यक माना जाता है।

ये लोग अपने आपको क्षत्रिय जाति से उत्पन्न बतलाते हैं और अपनी जातिवालों के सिवा अन्य किसी भी जाति के व्यक्ति का बनाया या छुपा अग्नादि ग्रहण नहीं करते। तुलजापुर की अंबाबाई को ये अपनी कुलदेवी बतलाते हैं। पंढरपुर स्थित विठोबा मूर्ति की भी ये पूजा करते हैं और इसी उद्देश्य से यदा कदा शोलापुर की यात्रा किया करते हैं। गृहदेवी के रूप में ये जल्लाभा देवी की भी उपासना करते हैं और उन्हें दूध तथा गुड़ का नैवेद्य चढ़ाते हैं।

२. इसी नाम की एक मुस्लिम जाति। ये लोग पहले हिंदू थे पर औरंगजेब के समय मुसलमान बन गए। यद्यपि इनका सामान्य आचार व्यवहार मुसलमानों जैसा ही है और इनके शादी ब्याह भी मुसलमानों में ही होते हैं, फिर भी हिंदू धर्म पर इनकी पूरी श्रद्धा है। ये लोग भी रेशम के फुँदने तथा रेशम का डोरा तैयार करने का व्यवसाय करते हैं।