पटबेकर महाराष्ट्र की एक जाति जिसके लोग प्राय: सतारा, शोलापुर, पाटन आदि जिलों में पाए जाते हैं। ये लोग ढाई दो सौ वर्ष पहले गुजरात से आकर यहाँ बस गए थे। ये मराठी और गुजराती दोनो भाषाएँ बोलते हैं। इनमें से बहुत से लोग प्राय: शराब पीते हैं और पूजा या धार्मिक कृत्य के अवसर पर एक दिन भेड़ का मांस भी खाते हैं। यों तो ये अनेक हिंदू देवी देवताओं की पूजा करते हैं पर तुलजापुर की जगदंबादेवी को ही ये अपनी कुलदेवी मानते हैं। ये लोग घोड़े के साजसामान, पालकी तथा आभूषणों के काम आनेवाला रेशम रँगने और बेचने का काम करते हैं। विधवा विवाह तथा बहूविवाह का प्रचलन इनमें पाया जाता है। साधारणतया ये काफी बलिष्ठ, परिश्रमी, कष्टसहिष्णु और अतिथिसेवी होते हैं।