न्यूहैवेन (New Haven) स्थिति : ४१� २०� उ. अ. तथा ७२� ५४� प. दे.। यह राज्य, संयुक्त राज्य के कनेक्टिकट प्रदेश में औद्योगिक नगर हैद्य यह नगर न्यूहैवेन पत्तन के सिरे पर समुद्र की सतह से ४०� की ऊँचाई पर हर्टफर्डं से ३५ मील दक्षिण तथा दक्षिण-पश्चिम में स्थि है। यहाँ पर न्यूयॉर्क, न्यूहैवेन तथा हर्टफर्ड रेलवे लाइनों तथा अमरी और पूर्वी हवाई मार्गें की सेवाएँ उपलब्ध हैं। सन् १६३८ से,नगर के मध्य में स्थित, १६ एकड़ का 'ग्रीन' (Green) नामक स्थान पार्क के रूप में विकसित किया गया है। यह पहले कब्रगाह था, पर वर्तमान समय में वायुसेवन और मनोरंजन का विशेष आकर्षक केंद्र बन गया है। 'ग्रीन, के मील उत्तर-पूर्व ईस्ट राक पार्क (East Rock Park) नामक स्थान है, जिसके अंतर्गत ४४६ एकड़ भूमि जंगलों एवं बागों से युक्त है। दूसरी ओर वेस्ट राक पार्क (West Rock Park) भी है, जिसकी सागरतल से ऊँचाई ४००� है। यह अत्यंत सौंदर्यपूर्ण स्थान है। न्यूहैवेन नामक विश्वविद्यालय यहीं पर है। इस संस्था ने नागरिकों के लिए जनव्याख्यान-मालाओं, संगीत संस्थाओं एवं राष्ट्रीय हित के ऐतिहासिक केंद्रों को जन्म दिया है। हापकिंस व्याकरण विद्यालय (१९६०), न्यूहैवेन अध्यापन शैक्षण विद्यालय तथा कनेक्टिकट का दूसरा सबसे बड़ा नगर है। इसमें छोटे बड़े १,००० औद्योगिक संस्थान हैं। यह नगर संपूर्ण संयुक्त राज्य अमरीका के उत्पादन क्षेत्रों के १९ प्रति शत का प्रतिनिधि है। यहाँ की निर्मित वस्तुओं में बंदूकें, घड़ियाँ, कमीजें, सुंदर वस्त्र, रबर, पाइप, कागज, रस्सी तथा खिलौने हैं। यह रेलमार्गों का प्रमुख केंद्र है। राष्ट्र के आयात निर्यात पर भी इसका अधिक प्रभाव रहता है। तटीय व्यापार में कोयला, पेट्रोल तथा निर्मित काष्ठसामग्री का स्थान प्रमुख है।
यहाँ प्रथम सरकारी भवन का निर्माण सन् १७१७-१७१९ में गीन में हुआ था। प्रारंभिक काल में यह उपनिवेश गीलफर्ड, मिलफर्ड, स्टामफर्ड, व्रानफर्ड आदि तक फैला हुआ था। १७१६ ई. में एक पत्तनाघीश की नियुक्ति की गई। इसके संरक्षण में व्यापार पश्चिम द्वीपसमूह तथा संपूर्ण तटीय नगरों तक फैल गया था। १९वीं शताब्दी में यहाँ का व्यापार प्रशांत महासागर तथा सुदूर पूर्व तक फैला हुआ था। ५ जुलाई, सन् १७७९ में इसपर अंग्रेजों का आधिपत्य हो गया।
इसकी औद्योगिक उन्नति १७९८ ई. से प्रारंभ होती है, जब इली ह्वाइटनी नामक एक सूत व्यवसाय के आविष्कारक ने इस नगर में दक्षिण से आकर एक बंदूक कंपनी की स्थापना की। यहाँ १८३९ ई. में प्रथम रेलमार्ग का निर्माण हुआ। प्रारंभिक पुरिटन धर्मानुयायी अब भी प्रभावशाली रीति से अल्प संख्या में निवास करते हैं। इस नगर का प्रशासन नगरप्रमुख (Mayor) द्वारा एक सलाहकार समिति के परामर्श से होता है। इसकी जनसंख्या १,६३,३४४ (१९५०) थी।(बसंतसिंह )